साधु संतों ने सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप, कहा- जयपुर में शीघ्र बुलाई जाएगी विशाल बैठक
मुख्यमंत्री को गुमराह कर रहे हैं राज्य के बडे बडे मंत्री औऱ प्रशासनिक अधिकारी - साधु समाज
ड़ीग (भरतपुर, राजस्थान/ पदम जैन) ब्रज के परम आराध्य पर्वत आदिबद्री व कनकाचल में दिनों दिन बढ़ते जा रहे भीषण खनन के विरोध में बुधवार को आंदोलनकारियों की एक बैठक आदिबद्री धाम में आयोजित की गई जिसमें साधु-संतों, ब्रज के प्रमुख प्रतिनिधियों एवं ब्रजवासियों ने भाग लिया।
बैठक को संबोधित करते हुए मानमंदिर के अध्यक्ष राधाकांत शास्त्री ने बताया कि आदिबद्री व कनकाँचल पर्वत की रक्षार्थ ब्रजवासी और ब्रज के सभी मूर्धन्य संत महात्माओं ने 16 जनवरी 2021 से लगातार ग्राम पसोपा में धरना देते हुए कई बड़े अन्दोलन तथा प्रदर्शन कर राजस्थान सरकार का ध्यान आकर्षित किया कि विश्व भर के कृष्ण भक्तों की श्रद्धा का केंद्र ब्रजधाम में भगवान की लीला स्थलियों व पौराणिक संपदा का विध्वंश बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि संतों व ब्रजवासियों की बात तथा विषय की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विगत 1 अक्टूबर 2021 को नीतिगत निर्णय लेते हुए इस समस्त क्षेत्र को वन विभाग को हस्तान्तरित करने के निर्देश दिए थे। परंतु 8 माह व्यतीत हो जाने के बाद भी मुख्यमंत्री की आज्ञा का पालन नहीं हो सका है वहीं दूसरी ओर जिन पर्वतों को बचाने के लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं उनको समूल नष्ट करने के लिए खनन माफिया द्वारा भीषण खनन कई गुना मात्रा में बढ़ा दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि राजस्थान में खनन माफियाओ का स्थान मुख्यमंत्री से भी ऊपर हो गया। प्रसिद्ध कथाकार साध्वी मुरलीका देवी ने कहां कि 473 दिनों से ब्रज भूमि को बचाने के लिए सर्दी गर्मी बरसात को सहकर दिन रात की जा रही संतों की तपस्या औऱ धैर्य की परीक्षा अब बहुत हो गई है ।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री को उन्हीं के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों व मंत्रीगण गुमराह कर रहे हैं ताकि वह खनन माफियाओं के साथ सांठगांठ कर दोनों पर्वतों को कोई भी निर्णय होने से पहले संपूर्ण रूप से नष्ट कर दें। वहीं आदिबद्री के महंत शिवरामदास ने मुख्यमंत्री के निर्णय के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर राज्य सरकार पर वादाखिलाफी करने व साधु-संतों एवं लाखों बृजवासीयों व कृष्ण भक्तों की भावना से खेलने का आरोप लगाया ।
संरक्षण समिति के महासचिव ने बताया कि दोनों पर्वत पर पूरे विश्व में खनन को लेकर देशभर के साधु-संतों में अब काफी रोष उत्पन्न हो रहा है व अति शीघ्र ही जयपुर के अंदर ब्रजक्षेत्र के दोनों अति महत्वपूर्ण पर्वतों को खनन मुक्त करने हेतु साधु व संत समाज की विशाल बैठक आहूत होगी ।जिसमें आगे की रणनीति पर गंभीर विचार कर आंदोलन की दिशा निश्चित की जाएगी । इस अवसर पर बाबा हरि बोल दास, नृसिंह दास, बृजकिशोर, गोपालदास, हनुमानदास आदि ने भी अपने विचार रखे।