त्रिदिवसीय 24वें तीर्थंकर श्री महावीर भगवान के जन्मकल्याणक महामहोत्सव का हुआ आगाज
जैन धर्म के 5वें तीर्थंकर श्री सुमितनाथ भगवान के जन्म,ज्ञान व मोक्ष कल्याणक पर्व पर निर्वाण लाडू समर्पित किया : शनिग्रह अरिष्ट निवारक श्री मुनिसुव्रतनाथ विधान हुआ सम्पन्न
बडौदामेव,अलवर(रामबाबू शर्मा)
बडौदामेव कस्बा स्थित श्री मुनिसुव्रतनाथ जिनालय में सकल जैन समाज बडौदामेव के तत्वावधान में आयोजित त्रिदिवसीय 24वें तीर्थंकर श्री महावीर भगवान के जन्म कल्याणक महामहोत्सव का शनिवार को आगाज हुआ।संस्कार जैन ने बताया कि इस मांगलिक कार्यक्रम में आचार्य श्री विनीत सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य श्री अभिनंदन सागर जी महाराज के पावन सानिध्य में विधानाचार्य श्री नितेश जी शास्त्री के मार्गदर्शन में शनिवार सुबह श्रद्धालुओं ने मंत्रोच्चार के साथ श्रीजी का अभिषेक-पूजन किया। अनुष्ठान में शास्त्री जी ने श्रीजी की रिद्धि मंत्रो के उच्चारण से वृहद शांतिधारा सम्पन्न कराई व 5वें तीर्थंकर श्री सुमितनाथ भगवान के जन्म,ज्ञान एवं मोक्षकल्याणक पर्व पर जैन धर्मावलंबियों द्वारा सामूहिक निर्वाण कांड का वाचन कर हर्षोल्लास व जयकारो के साथ निर्वाण लाडू प्रभु के सम्मुख समर्पित किया।कार्यक्रम में प्रथम दिवस पर शास्त्री जी की धार्मिक स्वर लहरियों के साथ नित्य नियम पूजन की गई एवं शनिग्रह अरिष्ट निवारक श्री मुनिसुव्रतनाथ विधान का आयोजित किया गया।सायं को श्री चन्द्रप्रभु जिनालय में संगीतमय सामूहिक आरती की गई एवं मुनि श्री ने अपने अमृतमय प्रवचनों में कहा कि हमे प्रभु भक्ति में लीन रहकर धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेना चाहिए और यदि हम एक भी व्यक्ति को धर्म से जोड़े तो हमे एक मंदिर बनाने जितने पुण्य का बंध होता है एवं अपनी कठोर वाणी से एक भी व्यक्ति को धर्म से तोड़े तो एक मंदिर तोड़ने जितने पाप का बंध होता है।प्रवचनों के पश्चात गुरुभक्ति की गई व णमोकार महामन्त्र का जाप किया गया।इस दौरान सुमतचंद,पारसचंद,राजेश, रमेश,दिनेश,विनोद, सलिल,नीरज, विकास, विशाल,प्रतीक,संयम, सचिन,कनकलता,कमला, सुषमा,सुनीता,अनिता, आरती,एकता जैन आदि मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दूसरे दिन रविवार को श्री विघ्नहरण पार्श्वनाथ विधान का आयोजन किया जाएगा एवं सायं को संगीतमय आरती , मुनि श्री के मंगल प्रवचन व 48 दीपको से भक्तामर पाठ किया जाएगा तथा कार्यक्रम के तीसरे दिन 24वें तीर्थंकर श्री महावीर भगवान के जन्मकल्याणक महामहोत्सव पर प्रातः महावीर भगवान का अभिषेक पूजन,शांतिधारा की जाएगी एवं प्रातः 09 बजे श्री मुनिसुव्रतनाथ जिनालय से बैंड बाजो के साथ श्रीजी की पालकी व भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी जो कस्बे के प्रमुख मार्गों से होती हुई श्री चन्द्रप्रभु जिनालय पहुंचेगी जहाँ श्री महावीर भगवान का रजत कलशों से कलशाभिषेक किया जाएगा व सायं को संगीतमय आरती,मुनि श्री के मंगल प्रवचन व भगवान महावीर का पालना झुलाया जाएगा।