नामांकन के बाद अब जांच शुरू,पालिका चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशी अब प्रतिद्वंदी की मानमनुहार में जुटे
बयाना/भरतपुर/राजीव झालानी
बयाना 28 नवम्वर। बयाना नगरपालिका मंडल के पालिका सदस्य पद हेतु नामांकन पत्र जमा कराने की प्रक्रिया सम्पन्न हो जाने के बाद अब निर्वाचन कार्यालय में इन नामाकन पत्रों की जांच शुरू की गई है। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी सुनील आर्य की देखरेख में इन नामांकन पत्रों की गहन जांच की जा रही है। जांच में कई नामांकन पत्रों के खारिज होने की संभावना बताई है। पालिका मंडल के 35 वार्डों के सदस्य पद के लिए आगामी 11 दिसम्बर को होने वाले चुनाव के लिए 292 प्रत्याशियों ने कुल 394 नामांकन पत्र जमा कराए है। जिनमें अधिकांश प्रत्याशी निर्दलीय है। सत्तारूढ कांग्रेस व विपक्षीदल भाजपा को सभी 35 वार्डों में अपने अपने प्रत्याशी खडे करने को नही मिल सके।
दोनों ही दलों में रिक्त रहे वार्डों में अपने प्रत्याशी खडे करने के लिए अंतिम समय में टिकिट देने हेतु काफी गहमा गहमी का माहौल रहा। प्राप्त जानकारी के अनुसार सत्तारूढ कांग्रेस की ओर से 35 में से 20 वार्डों में ही अपने पार्टी प्रत्याशी खडे किए जा सके है। वार्ड संख्या 1 से 6 तक पार्टी को कोई प्रत्याशी नही मिल सका। इसके अलावा वार्ड संख्या 12,13, 15, 20, 21, 25, 27 व 29, 30 में भी पार्टी अपने प्रत्याशी खडे नही कर सकी। अब निर्दलीयों से तार जोडने के प्रयास किए जा रहे है। कांग्रेस टिकिट पाने वाले 3 प्रत्याशी एक ही परिवार के बताए है। जिनमें पाला बदलकर कांग्रेस में आए एक पूर्व पालिकाध्यक्ष दम्पत्ती और उनकी पुत्रवधु भी शामिल है। इसी प्रकार प्रमुख विपक्षी दल भाजपा को 35 वार्डों में से मात्र 26 वार्डों में ही अपने प्रत्याशी मिल सके। जबकि वार्ड संख्या 3, 17, 18, 19, 20, 22, 23, 26 व 28 नम्बर वार्डों में भाजपा अपने प्रत्याशी खडे नही कर सकी। यहां भी रिक्त रहे वार्डों में अपने प्रत्याशी खडे करने की रस्मअदायगी के लिए काफी भागमभाग रही। वहीं टिकिट वितरण को लेकर काफी असंतोष और आरोप प्रत्यारोप भी लगाए गए। भाजपा के कई पुराने व दिग्गज और निष्ठावान पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं को पार्टी टिकिट से गुटबाजी व खींचतान के चलते वंचित कर दिया गया। दोनों ही पार्टीयों नें कई वार्डों में पुराने व निष्ठावान कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारीयों को किनारे कर उनके स्थान पर नए नवेले स्वयंभू नेताओं को प्रत्याशी बना दिया गया है। कई पुराने और निष्ठावान कांग्रेसीयों व भाजपाईयो ने अब अपनी ही पार्टी के प्रत्याशीयों के सामने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरकर ताल ठोकने की ठान ली है। जिससे दोनों ही पार्टीयों के खैमों में हलचल मची है। अब कई प्रत्याशीयों की ओर से अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रतिद्वंदी प्रत्याशीयों के नामांकन वापस कराने के लिए उनकी मान मनुहार करते हुए तरह तरह के प्रलोभन भी दिए जा रहे है। वहीं चुनावी मैदान में उतरे कई प्रत्याशीयों की ओर से नाम वापसी व चुनावचिन्ह आवंटन से पहले ही मतदाताओं को रिझाने के लिए सोमरस वितरण व अन्य सुविधाऐं उपलब्ध कराई जाने लगी है। कई प्रत्याशीयों की ओर से तो दिपावली व नववर्ष के गिफ्ट के बतौर उनी कम्बलों, जर्सीयों, बच्चों की साइकिलों, मिठाई के डिब्बों व चांदी के सिक्कों तक का वितरण नामांकन से पहले ही किया जा चुका है।