आशा-सहयोगिन कार्मिकों ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा
अलवर,राजस्थान
बहरोड़। अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ आशा-सहयोगिन प्रकोष्ठ शाखा बहरोड़ ने शुक्रवार को आशा सहयोगिन कार्मिकों की समस्याओं का समाधान करने बाबत एसडीएम संतोष कुमार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से आशा - सहयोगिन प्रकोष्ठ ने मुख्यमंत्री से मांग रखी हैं कि एएनएम की भर्ती में 25 प्रतिशत पद आरक्षित किए जायें। प्रशिक्षण मानदेय सेवा में मानते हुए कराया जावे। आयु की सीमा की बाध्यता समाप्त की जावे। आशा सहयोगिन कार्मिकों को उच्च शिक्षा- बीएड, बीएसटीसी हेतु अवसर दिया जावे एवं प्रशिक्षण अवधी को राजकीय सेवा माना जावे। आशा सुपरवाईजर और आशा समन्वयक को नियमित किया जावे। साथ ही लिपिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पदों को आशा सहयोगिनियों के लिए 25 प्रतिशत पद आरक्षित कराये जावें। कोरोना कार्य की प्रोत्साहन राशि जारी रखी जावे। मिशन लिसा एप के लिए स्मार्ट फोन उपलब्ध कराया जावे एवं प्रशिक्षण के बाद ही मिशन लिसा एप पर काम करवाया जावे। आशा सहयोगिन कार्मिकों को चिकित्सा विभाग द्वारा निश्चित कार्य की निश्चित राशि दी जाती है। अलग से कार्य कराये जाने पर अलग से राशि दी जावे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के अनुपात में आशा सहयोगिन कार्मिक का मानदेय किया जावे। जन घोषणा पत्र राजस्थान विधानसभा चुनाव वर्ष 2018 में किये गये वचन को निभाते हुए आशा कार्मिकों को नियमित कर्मचारी बनाया जावे। आशा सहयोगिन कार्मिकों को चिकित्सा एंव महिला बाल विकास विभाग जैसे दो-दो विभागों का कार्य करना पड़ता है। एक ही विभाग में रखा जावे व आशा सहयोगिनियों का एक अलग से कैडर बनाकर चिकित्सा विभाग में ही समायोजित किया जावे।
- संवाददाता योगेश शर्मा की रिपोर्ट