बाबा हरिबोल दास ने कहा- ब्रज के पहाड़ों का नाश बंद नहीं किया तो करूंगा आत्मदाह, मुझे रोका तो अन्य संत करेंगे अपने प्राण न्योछावर
ड़ीग (भरतपुर, राजस्थान) ब्रज के संत बाबा हरि बोल दास ने फिर रविवार को ड़ीग उप खंड के गांव अलीपुर में आयोजित सभा के बीच में कफन पहन कर एलान किया है कि अगर शीघ्र ही प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साधु संतों के साथ किए हुए अपने वायदे को पूरा नहीं किया और जिला प्रशासन ने ड़ीग और कामा क्षेत्र में अवैध रूप से हो रही ओवरलोडिंग व एकांशा माइंस द्वारा गांव ओलन्दा और बांसोली के बीच बने रास्ते का गलत तरीके से किये जा रहे दुरुपयोग को नहीं रोका तो वह अवश्य अब आत्मदाह करेंगे ।
उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि प्रशासन मुझे गिरफ्तार करने के लिए तत्पर है। लेकिन में जिला प्रशासन से कहना चाहता हूँ कि अच्छा तो यह होगा कि मुझे गिरफ्तार करने से पहले वह अवैध रूप बड़े पैमाने पर खनन कर और ओवरलोडिंग कर ब्रज के पर्वतों का नाश कर रहे खनन माफिया के खिलाफ कारवाही करने में अपनी ताकत लगाएं। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कई बर्षो से खनन माफिया जिला प्रशासन और पुलिस की सांठगांठ से बड़े पैमाने पर खनन कर ब्रज के पर्वतों को नष्ट करने में लगा हुआ है । उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री से अपील की है कि वह विगत 6 अप्रैल को आंदोलन के प्रतिनिधिमंडल के साथ किये गए अपने वायदे को अविलंब पूरा करें। जिसमें उन्होंने आश्वस्त किया था कि वह अतिशीघ्र ही कनकाचल व आदिबद्री पर्वत को खनन मुक्त कर संरक्षित वन क्षेत्र घोषित करेंगे । लेकिन इस बात को 3 माह से ऊपर हो गए हैं और इस मांग को लेकर आंदोलन को चलते हुए भी 177 दिनों से ऊपर बीत चुके हैं, लेकिन दुर्भाग्य बात है कि अभी तक इस दिशा में कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि अब प्राण निछावर करने के अलावा मेरे पास कोई रास्ता नहीं बचा है । बाबा हरि बोल ने कहा कि एक मे ही नहीं है ऐसे कई अन्य साधु हैं जो अब इस मुद्दे पर अपने प्राणों को न्यौछावर करने के लिए तत्पर हैं । उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि प्रशासन यह जानले कि आज मुझे वह रोक लेगा। लेकिन इसको लेकर मेरे जैसे कई साधु फिर खड़े हो जाएंगे जो ब्रज के पर्वतों की रक्षा के लिए अपने प्राणों तक को निछावर करने के लिए तैयार हैं । इस अवसर पर जडखोर मंदिर के महंत भूरा बाबा ने हरि बोल दास बाबा की बात का समर्थन करते हुए कहा हालांकि आत्मदाह का निर्णय निश्चित ही एक असंवैधानिक कार्य है। लेकिन अगर सरकार और जिला प्रशासन मूकदर्शक बन कर हमारी पौराणिक संपदा को नष्ट होने दे रहा है तो इसके अलावा हमारे पास अब चारा भी क्या बचता है । हममें से कोई भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चहाता हैं ।इसलिए ही पिछले 6 माह से ब्रज के पर्वतों की रक्षा के लिए शांतिपूर्वक धरना दे रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री ने वायदा करने के बाद भी ब्रज के दोनों पर्वतों को खनन मुक्त कर संरक्षित नहीं किया है । यही नहीं खनन माफिया ने सारे कानून ताक में रखकर अपनी खनन गतिविधिया 10 गुना बढ़ा दी है। व पुलिस की देखरेख में ओवरलोडिंग के माध्यम से एवं ग्रामीणों के लिए बनाए गए रास्ते का दुरुपयोग कर हजारों की तादाद में ट्रकों के आवाजाही कर ब्रज की समस्त प्रकृति व पर्यावरण को नष्ट करने पर तुले हुए हैं। लेकिन जिला प्रशासन और सरकार चुप बैठी हुई है इस पर यदि साधु समाज अगर कोई कार्रवाई नहीं करेगा तो यह सब हमारी धरोहर, पर्यावरण व प्रकृति समूल नष्ट हो जाएगी। उपस्थित जन समुदाय ने हरि बोल बाबा को पुनः समझाने का प्रयास किया लेकिन बाबा हरि बोल ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब तक जिला प्रशासन और सरकार पर्वतों की यह विनाश लीला बंद नहीं करेगी तब तक उनका आत्मदाह का निर्णय नहीं बदलेगा । सभा मे इस अवसर पर कई गांवों के प्रतिनिधियों के अलावा सैकड़ों ग्रामवासी व साधु संत मोजूद थे ।