गुर्जर छत्तीसा के पंचपटैलोें की बैठक में बैंसला पर लगे आरोप
भरतपुर, राजस्थान
बयाना, (सूरौठ 08 नवम्बर) बयाना के नहरा क्षेत्र के गुर्जर छत्तीसा के पंच पटैलों की तीसरी बैठक रविवार को गांव शेरगढ के राजेश पायलट स्कूल परिसर में हुई। जिसमें गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिती में सक्रिय रहे युवा नेता हिम्मतसिंह पाडली व राजस्थान गुर्जर प्रगति मंच के संयोजक रहे सहाबसिंह हरभान सहित सरकार से समझौता करने वाले 41 सदस्यीय गुर्जर प्रतिनिधी मंडल के भी कई सदस्य मौजूद रहे। जिन्होंने एक स्वर में पीलूपुरा रेलवे ट्रैक को जाम कर चलाए जा रहे आंदोलन को अनुचित बताते हुए कर्नल किरोडीसिंह बैंसला से जनहित में आंदोलन स्थगित कर सरकार से बात करने की अपील की और कहा कि इस समय कोरोना संकट सावों व त्यौहारी सीजन, सरकारी नौकरीयों की भर्ती की तैयारीयों के चलते सभी लोग और नौकरीयों की आस लगाए बैठे युवा वर्ग व व्यवसायी आदि भी काफी परेशान है। जिनकी परेशानीयों व सामाजिक समरसता और सभी के हितों को ध्यान में रखते हुए आंदोलन स्थगित किया जाना आवश्यक है। बैठक में मौजूद पंच पटैलों ने कर्नल बैंसला पर पुत्र मोह में जिद पर अडने के आरोप लगाते हुए कहा कि 41 सदस्यीय प्रतिनिधी मंडल ने उनकी सहमति से ही सरकार से वार्ता कर 14 मांगों को मंजूरी दिलाई थी। फिर अब उन्हें क्या ऐतराज है। अगर कोई एतराज या खामी है तो सरकार से बात कर उसका निवारण कराए। इस दौरान युवा नेता हिम्मत सिंह पाडली ने भी समाज के लोगों के बीच मीडिया से बात करते हुए कर्नल बैंसला पर पुत्र मोह में आंदोलन से भटकने के आरोप लगाते हुए कहा कि वह अपने पुत्र को राजनीती में स्थापित करने के लिए समाज को आंदोलन के नाम पर भ्रमित कर रहे है। हमारा आंदोलन सामाजिक आंदोलन है किंतु पिता पुत्र निजी हितों के चलते इसे राजनैतिक रूप देने में लगे है। इसके बजाए तो उन्हें राजनैतिक पार्टी के कार्यालय मंे बैठकर राजनीती करने की आवश्यकता है। हिम्मत पाडली ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब गुर्जर समाज के लोगों ने पहली बार सरकार से सीधी वार्ता कर 14 मांगों को मंजूरी दिलाने का काम किया है तो पिता पुत्र सवाल उठाने लगे हे। इससे पहले वह स्वयं 9 बार सरकार से वार्ता व समझौता कर चुके है। जिसे समाज ने बिना किसी सवाल के स्वीकार किया था। अब वह तरह तरह की अफवाहें क्यों फैला रहे है। उन्होंने आरक्षण के नाम पर समाज के युवाओं को गुमराह करने के आरोप लगाते हुए बताया कि संवैधानिक रूप से एमबीसी वर्ग व ओबीसी वर्ग के लिए बैकलाॅग का कोई प्रावधान नही है। तो फिर हमें बैकलाॅग के नाम पर क्यों भडका रहे है। इसका प्रावधान केवल एससी एसटी के लिए है। वह बैकलाॅग-बैकलाॅग बोल बोल कर हमारे रिजर्व पदों को भी भुला देने का प्रयास कर रहे है। सरकार से किए गए 14 सूत्रीय समझौते में हमने रिजर्व पदों को भी शामिल किया है। उन्हांेने पीलूपुरा आंदोलन को जबरन लंम्बा खींचने के आरोप लगाते हुए कहा कि जो आंदोलन कई हजार की भीड से शुरू होता था। वहां अब उंगलियांे पर गिनने लायक लोग रह गए है। जिससे यह स्पष्ट है कि समाज वास्तविकता को समझ चुका है। हिम्मत पाडली ने मीडिया के समक्ष कर्नल बैंसला व उनके पुत्र पर सार्वजनिक ट्रस्ट की आड में समाज के शिक्षित बेरोजगार युवाओं व 1252 वेतन नियमतिकरण की मांग कर रहे युवाओं से गलत तरीके से पैसा लेने के भी आरोप लगाते हुए ट्रस्ट के खातें में जमा धनराशि और उसके स्त्रोतों का खुलासा करने की भी मांग की। उन्होंने मीडिया के सवाल के जबाब में बताया कि उन पर किसी युवक से एक लाख रूपए लेने का आरोप निराधार है। यह आरोप मेरी मांग के जबाब में झूठा लगाया गया है। फिर भी आरोप सिद्ध होता है तो वह सजा को तैयार है। इससे पहले उनका गुर्जर समाज की ओर से साफा बंधवाकर स्वागत किया गया। जिसके प्रत्युत्तर में पाडली ने कहा कि वह इस साफे व समाज की शान को कभी कम नही होने देंगे। इस दौरान मौजूद रहे राजस्थान गुर्जर प्रगति मंच के संयोजक सहाबसिंह हरभान ने भी बैंसला पर समाज को गुमराह व विभाजित करने के आरोप लगाते हुए यह आंदोलन स्थगित करने की मांग की और कहा कि यह आंदोलन कई वर्षाें की कडी मेहनत व गुर्जर प्रगति मंच और समाज के सामूहिक प्रयासों से खडा किया गया। किसी व्यक्ति विशेष के प्रयासों से खडा नही हुआ। यह आंदोलन किसी राजा की जागीर नही जिसकी विरासत उसके पुत्र को राजा सौंप दे। यह आंदोलन समाज का है और समाज ने खडा किया है और समाज के लोगों ने ही अपने 72 सपूतों की कुर्बानियां दी है। तो नया नेता भी समाज सामूहिक विचार विमर्श और सहमति से ही तय करेंगा।
- राजीव झालानी की रिपोर्ट