लक्ष्मणगढ़ कस्बे वासियों को रेड अलर्ट महामारी में काले पानी की सजा
जेल के कैदियों को भी समय पर पानी मिलता है
लक्ष्मणगढ़ (अलवर, राजस्थान/ गिर्राज सौलंकी) एक और देश प्रदेश के अंदर कोरोना फंगस जैसी महामारी अपनी जड़ जमा चुकी है। और प्रदेश के अंदर अलवर जिला इस महामारी में अपना ग्राफ उच्च स्तर पर बनाए हैं। ऐसे में लोग अपने घरों में चारदीवारी में बंद हो धंधे चौपट सब बंद हो फिर स्थानीय प्रशासन को कम से कम मूलभूत सुविधाएं तो उपलब्ध करानी चाहिए ,मूलभूत सुविधाओं के लिए तो जेल के कैदियों को भी मिलती है। पर यहां जेल के कैदियों से भी हालत खराब हो रही ।बद से बदतर हालत कस्बे वासियों की हो रही है। यहां पर ऐसे समझो जैसे काले पानी की सजा दी जा रही है। पिछले 5 दिनों से लगातार पानी की समस्या बरकरार बनी हुई है अधिकारियों को सब कुछ ज्ञात है। रोज पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से अखबार में खबर प्रकाशित हो रही है बराबर इन अधिकारियों तक अखबार पहुंच रहे हैं यह पढ़ भी रहे हैं और जान भी रहे हैं फिर भी अंजान बने हैं। क्षेत्रीय विधायक को पानी की समस्या के लिए बोलते हैं तो उल्टा ठीकरा जनता के ऊपर ही फोड़ता है। जबकि जनता ने क्षेत्रीय विधायक के लिए एक इतिहास रचा है अलवर जिले के अंदर अधिक वोटों से जीतने वाले विधायक अलवर में हैं तो वह है जौहरी लाल मीणा घरों में संक्रमित मरीज और पानी की समस्या हालात यह है। कि नहाने धोने शौचालय तक में पानी की समस्या बनी हुई है और कस्बे के अंदर बैठे मूकबधिर प्रशासन जिसको ना दिखता है ना सुनता है खबर लिखने से पूर्व दो बार अधिकारियों को फोन किया गया पर फोन उठाने का काम नहीं नाही फोन का रिटर्न जवाब देते हैं। जिले के कलेक्टर साहब तो भले आदमी हैं पर हमारे यहां के कलेक्टर अंदर भी तो मानवता होनी चाहिए, की जनता किस तरह अपना जीवन यापन कर रही है। घरों से बाहर निकल नहीं सकते वह में पानी है नहीं बंद कमरों में ही मरे क्या जनता, यहां के विधायक को जनता के बीच सुख-दुख के बारे में जाना चाहिए पर यह तो उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वह कहावत सिद्ध हो रही है, हमने वोट दिए हमें डांट देते हैं वाह रे विधायक जी विधायक जी की इन हरकतों से इन हालातों से जनता अपने आपको ठगा ठगा सा महसूस कर रही है।इधर जलदाय विभाग के अधिकारी और कर्मचारी कहते हैं आज मोटर पक्की है आज लाइन टूट गई है आज उस उसने लाइन तोड़ दिए आज उसने दम तोड़ दिया अनेक तरह के बहाने बनाते हैं पर इन बाहों से होने जाना क्या है आप अपना कार्य करते रहें हम उपभोक्ता हैं और समय पर बिल भरते हैं फिर समय पर पानी क्यों नहीं उपभोक्ताओं के साथ शोषण क्यों कर रहा है जलदा विभाग अगर आपके सामने कोई समस्या आई है तो कम से कम टैंकरों के द्वारा उपभोक्ताओं के घरों पर पानी तो पहुंचाएं आपके पास बजट नहीं है तो हमारा पैसा हमारा जुर्माना राशि लॉकडाउन के समय लाखों रुपए चार चार विभागों ने एकत्रित कर रखे हैं उस राशि को हमारे लिए लगा दो तो हमारे कंठ तर हो जाएंगे क्या आप से राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी ने कह रखा है कि पानी बचाओ बिजली बचाओ उसी की तर्ज पर तो हमारे साथ ऐसा नहीं हो रहा है, घंटो घंटो लाइट कट जाती है पानी 5 दिनों से आ नहीं रहा। अब जनता क्या करें अब देखना यह है कि कब तक जलदाय विभाग प्रशासन पानी की व्यवस्था कर पाता है या नहीं।