तुलसीदास आश्रम में निर्जला एकादशी पर्व मनाया
बहरोड / योगेश शर्मा
बहरोड़। निर्जला एकादशी पर बाबा तुलसीदास आश्रम में निर्जला ग्यारस उत्सव श्रद्धा के साथ मनाया गया। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी कहा जाता है. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, साल की सभी 24 एकादशियों में निर्जला एकादशी का सबसे ज्यादा महत्व होता है. इस एकादशी व्रत में पानी पीना वर्जित माना जाता है, इसलिए इसे निर्जला एकादशी कहते हैं. इस साल निर्जला एकादशी 21 जून यानी आज है. शास्त्रों के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत रखने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति भी होती है. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, निर्जला एकादशी के दिन बिना जल के उपवास रहने से साल की सारी एकादशियों का पुण्य फल प्राप्त होता है. इस दिन निर्जल रहकर भगवान विष्णु की अराधना की जाती है
इस दौरान मीठे पानी शरबत की प्याऊ लगाई गई। जिसमे महिलाओं ने भी में हिस्सा लिया। जय बाबा तुलसीदास जी आश्रम महंत कैलाश गिरी महाराज सहित ग्राम पंचायत जगुवास क्षेत्र के संदीप चौधरी ( सरपंच) , रामफल (सरपंच) धर्मेंद्र यादव, हरीश यादव , नरेंद्र यादव, दिनेश प्रजापत सहित ग्रामीण उपस्थित रहे