चंद्रप्रभु भगवान का मनाया मोक्ष कल्याणक
डीग (भरतपुर, राजस्थान/ पदम जैन) जैन धर्म के सबसे अधिक प्रसिद्ध 8वें तीर्थकर भगवान चंद्राप्रभु का मोक्ष कल्याणक शनिवार को श्री चंदाप्रभु दिगंबर जैन मंदिर पुरानी डीग में बड़े उत्साह एवं उमंग के साथ मनाया गया! जिसमे प्रात काल की बेला में श्री जी का कलसाभिषेक कर, शांति धारा, नित्य नियम पूजन के बाद निर्वाणकांड का वाचन कर मोक्ष लड्डू चढ़ाया एवं समस्त विश्व के कल्याण एवं प्रत्येक जीव के उत्थान सुख-शांति की कामना ईश्वर से की गई! तीर्थकर भगवानों ने सदैव " जियो और जीने दो " का संदेश देकर विश्व शांति अमन चैन से रहने का आशीर्वाद दिया!
जैन पुराणों के अनुसार जैन धर्म में 24 तीर्थकर हुए हैं तीर्थकरअरिहंतो में से होते हैं! सभी तीर्थकरो ने साधारण मनुष्य के रूप में जन्म लिया और वहअपनी इंद्रियों और आत्मा पर विजय प्राप्त करके ही तीर्थकर बने! तीर्थकर एक ऐसा इंसान है जिसने विभिन्न जीवन कालो में गहन आध्यात्मिक अभ्यास के कारण सबसे उच्च अवस्था प्राप्त की और आत्मा में परम शब्द विकसित अवस्था का संकेत देता है मानव जीवन के सर्वोच्च आध्यात्मिक लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद बे दूसरों को संसार के सागर को पार करने में मदद करते हैं। और जन्म-मृत्यु के चक्र से दूर करते हैं!
तीर्थकर भगवानों ने सदैव " जियो और जीने दो " का संदेश देकर विश्व शांति अमन चैन से रहने का आशीर्वाद दिया है । इस कार्यक्रम में सुरेश जैन, गोपाल ऑपरेटर, राजेंद्र भगत, गोपीचंद, हरी बाबू, पारस जैन, अजय कुमार,संजय जैन, अशोक- मनीषा, वंश डोली चेताली सहित काफी महिला एवं पुरुष सम्मिलित थे!