अनुपयोगी चीजों से गमले बनाकर ग्यारहवीं का छात्र छत पर उगा रहा सब्जियाँ
भीलवाड़ा (राजस्थान/ राजकुमार गोयल) भीलवाड़ा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राजेन्द्र मार्ग में ग्यारहवीं में पढ़ने वाले छात्र अर्णव दाधीच ने घर की दूसरी मंजिल की छत पर कई प्रकार की सब्जियाँ उगा दी। शिक्षिका वंदना दाधीच के पुत्र अर्णव ने महेश नगर पुर रोड स्थित अपने घर की छत को ही खेत बना दिया। सब्जियों और खेती में गहन रुचि होने के कारण दसवीं उत्तीर्ण करके कृषि संकाय में प्रवेश लिया। कोविड के कारण कक्षाएँ सुचारू नहीं चल पा रही थी तो उसने घर की छत पर ही फूल और सब्जियाँ उगाने का विचार किया। जब यह बात उसने पुर में व्याख्याता अपने मौसा योगेश दाधीच और नाना सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश शर्मा को बताई तो उन्होंने पूरा सहयोग और मार्गदर्शन दिया। अर्णव ने लगभग दो सौ गमलों में फूल और सब्जियाँ बो रखे हैं।
- अनुपयोगी चीजों को गमलों के रूप में किया तैयार
सीमेंट के गमलों के अलावा गमलों के रूप में ग्रो बैग्स, किचन से निकले प्लास्टिक के डिब्बों और अनुपयोगी वस्तुओं का भी उपयोग किया। यू ट्यूब की मदद से रूफ टॉप गार्डन को रचनात्मक रूप देने का प्रयास किया।
- सीजन के अनुसार उगा रहा सब्जियाँ
अर्णव ने सीजन के अनुसार गमलों में सब्जियाँ उगाई जो सफल भी रही। अब तक ग्वारफली, भिंडी, तुरई, लौकी, मिर्च, टमाटर, मटर, प्याज, लहसुन, धनिया, पुदीना, पालक आदि सब्जियाँ उगा चुका है। बेल वाले पौधों के सहारे के लिए लोहे के तार वाली जाली लाकर लगाई है जिस पर बेलें आसानी से चढ़ जाती है।
- फूलों से सज रहा है गार्डन
अर्णव को फूलों से भी बहुत प्यार है। इसलिए उसने अपने गार्डन में रंग बिरंगे खुशबूदार फूल भी बो रखे हैं। गैंदा, विभिन्न रंगों के गुलाब, मोगरा, गुडहल, चंपा, चमेली, रातरानी, जरबेरा, कलेंचो जैसे फूलों के साथ-साथ ग्वारपाठा, स्नेक प्लांट, नीम गिलोय जैसे उपयोगी और सजावटी पौधे भी लगा रखे हैं। गार्डन की सुंदरता के बारे में सुनकर कई परिचित और रिश्तेदार यहां आकर फोटो खिंचवाते हैं।
- खुद मेहनत करके संवार रहा छोटे से गार्डन को
अर्णव ने स्वयं साइकिल पर कट्टों में भरकर शहर के बाहर खेतों से गमलों में भरने के लिए मिट्टी लाकर इकट्ठी की। बीजों से पौध तैयार करके पीली मिट्टी, रेत और वर्मी कम्पोस्ट से गमले तैयार करके रोपण करता है। पौधों में किसी भी प्रकार के रासायनिक दवा का प्रयोग नहीं करता है। विद्यालय से आने के बाद नियमित रूप से दो घण्टे पौधों की सार सम्भाल करता है।
- खुद ही बना रहा देशी खाद
पौधों में डालने के लिए खाद भी अर्णव खुद ही तैयार करता है। गमलों की सफाई के दौरान निकले सूखे पत्तों, रसोई से निकली फल सब्जी की कतरनों और छिलकों को एक बाल्टी में डालकर उन पर मिट्टी डाल देता है। लगभग दो महीने में यह खाद बनकर तैयार हो जाता है। इस खाद के उपयोग से पौधों में तेजी से वृद्धि होती है।