कोरोना वायरस की भार बेघर भूखे और बेरोजगार
राजस्थान के भीलवाडा शहर में मारुति नगर के वाशिन्दे इन झाड़ियों के पीछे कई लोग शेल्टर लिए हुए मिल जायेगे, जो या तो रोज की दिहाड़ी करते हैं या होमलेस लोग है, ये वे लोग है जिन्हें समाज भूल चुका है, और कोई सरकारी दस्तावेज मे इनका कोई वजूद नहीं है। ये नजारा है शहर की मारुती कालोनी का इनका कहना है कि किसी प्रकार सुविधा नहीं मिली है सरकार ने हमे खने के लिए, आँखे मूंद रखी है। वैसे तो सरकार बड़े गर्व से दावे करती है राज्य में गरीबों के लिए प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत गरीबो को पम्का मकान मुहैया कराया जा रहा ई भीलवाड़ा जिला मुख्यालय पर ही एक स्वर्गीय कालू राम ओड का परिवार मारुती नगर भीलवाडा में रह रहा है जिसे अपना सिर छिपाने के लिए आशियाना तो दूर वही रोजी रोटी तक के लाल पड़े हुए, कालू राम के डेढ महीने पहले बीमारी से ग्रस्त होने कारण उदयपुर के एक चिकित्सा लय मे मृत्यु हो गई थी,
मारुतीनगर में ला. कालेज के पीछे एक टूटी फूटी झोपड़ी बना रखी थी जिस ताउते तूफान में टूटी फूटी झोपड़ी घराशायी कर दिया जिस से उसका आशियाना उजड़ गया, वही लोक डाउन होने से उसकी पत्नि रेखा को कही रोजगार कर परिवार का पेट पालने के लिए काम नहीं मिल रहा है उसके छ बच्चे हैं। हाल ही परिवार ने अपना आशियाना एक बबूल के पेड़ के नीचे बना रखा जब इसकी भनक समाज सेवियो को लगी तो, तुरन्त उसके सीमेंट के चदर से अस्थायी आशियाना बना कर राहत प्रदान की है। लेकिन देखना यह है। की सरकार बड़े- बड़े दावे तो करती है लेकिन घरातल पर कुछ और ही नजर आता है। कोरोना काल मे भाजपा, कांग्रेस सहित नगर परिषद सभापति बड़े-बडे दावे कर कोई भूखा न सोए का स्लोगन देकर वाही वाही लूट रही है, हाल ही मे पॉपुलर न्यूज ने हाल ही उस क्षेत्र का दौरा किया तो ऐसे कई परिवार है जो इस तरह की परिस्थियों से गुजर रहे है। इस दौरान रेखा ओड ने बताया कि कोई मजदूरी नहीं होने से उसके परिवार को जो छोटे-छोटे दो बच्चे है उन्हें 1-2 दिन भूखा तक रहना पड़ता जाता है।
- रिपोर्ट- बृजेश शर्मा