18 घण्टे कार्य करने के बाद भी कर्मचारियों की कमी के कारण गंगा एक्सप्रेस-वे के कार्य मे देरी
दातागंज (बदायूं,उत्तरप्रदेश) मेरठ से प्रयागराज तक जाने वाले 593 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए बिल्सी और बिसौली तहसील में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है। किसानों और भवन मालिकों से अधिग्रहण के लिए सहमति पत्र लेकर भूमि खरीद की जा रही हैं। दातागंज तहसील में बन रहे एक्सप्रेस-वे में लगभग 25 गाँव आ रहे है जिसमे डोलापुर, आजमाबाद, छबऊ, नागवां, इस्माइलपुर, बीरमपुर, डहरपुर कलां, बिहारीपुर, घाटमपुर, अमोड़ी, बिरिया डांडा, इखलासपुर, पापड़ हमजापुर, दुधारी, प्रसिद्धपुर, परा, हासिमपुर, अंधरऊ, गौटियां रामनरायन, कासपुर, बख्तपुर, कशेपुर कलां, पसिया नगला, अफजलपुर कलां, सिसईया किशन, दियोरई, सपरेड़ा, आजमपुर बिसौरिया, बिहारीपुर अजब, दियोहारी, भेड़ा रायपुरा, नौनी टिकन्ना पुख्ता, नवादा बदन, कुंदा, बरी प्रसिद्धपुर, पट्टी विजा पुख्ता, पट्टी विजा खाम, मेरी वजरमैरी, कनौर, तिगलापुर, मलिकापुर शिकारपुर, महरोली, सिमरिया, सरसई पिपरिया, कैलहाई, सकतपुर बेला गाँव आ रहे है जिनकी तहसील दातागंज में उपजिलाधिकारी पारस नाथ मौर्य के निर्देशन में भूमि खरीद चल रही है। गंगा एक्सप्रेस -वे बदायूँ जिले की चार तहसीलों के गांवों से होकर गुजरेगा। चारों तहसीलों में लगभग 164 गांव है।
एक्सप्रेस-वे सदर बरेली-मथुरा और मुरादाबाद-फर्रुखाबार्द हाईवे को लिंक करेगा। इसके साथ ही दातागंज में बदायूं-दातागंज, तिलहर-पुवायां स्टेट हाईवे को भी लिंक करेगा। वही दातागंज तहसील में एक्सप्रेस-वे के चलते भूमि खरीद में धीमी गति का कारण है कि उत्तर प्रदेश की दातागंज तहसील जनपद बदायूँ की सबसे बड़ी तहसील है दातागंज तहसील में लगभग 518 गाँव है जिसमे 109 लेखपाल सर्किल है। जिसमे से केवल 64 लेखपाल दातागंज तहसील में कार्यरत है। 11 राजस्व निरीक्षक क्षेत्र है जिसमे तीन राजस्व निरीक्षक दातागंज तहसील में कार्यरत है कार्यालय राजस्व निरीक्षक चार पद आर के पद के सापेक्ष मात्र एक आर के पद पर कार्यरत है नायव तहसीलदार के तहसील दातागंज में तीन पद है जिसके सापेक्ष मात्र केवल एक नायव तहसीलदार दातागंज तहसील में कार्यरत है
गंगा एक्सप्रेस वे में 25 गाँव के सापेक्ष लगभग 300 हेक्टेयर जमीन खरीद किया जाना है गंगा एक्सप्रेस वे की भूमि खरीद का ( यू . पी . डा.) द्वारा जून तक भूमि खरीद का लक्ष्य रखा गया है भूमि ख़रीद में देरी होने के कारण उपजिलाधिकारी दातागंज पारस नाथ मौर्य के निर्देश पर तीन लेखपालो के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की गई है वही तीन लेखपालों का वेतन रोक दिया गया है। जिसके चलते लेखपालों के द्वारा नाराजगी जाहिर की गई है उनके द्वारा बताया गया कि चुनाव व कोरोना काल के कारण अधिकारीगण स्वयं अस्वस्थ रहें। ऐसी परिस्थिति में भूमि खरीद ( वैनामा) नही हो पाए हैं ऐसी परिस्थितियों में लेखपाल चिंतित एवं नाराज है। वही इस सम्बंध में उपजिलाधिकारी दातागंज पारस नाथ मौर्य से वार्तालाप करने पर बताया गया कि शासन द्वारा माह जून तक भूमि खरीद किये जाने का लक्ष्य रखा गया है लक्ष्य के सापेक्ष भूमि खरीद (वैनामा) नही हो पाने के कारण (यू .पी. डा) शासन द्वारा नाराजगी व्यक्त की जा रही है इस लिए भूमि खरीद (वैनामा) में तेज गति हो इस लिए यह कार्यवाही की गई है लक्ष्य पूर्ण होने पर उदारता पूर्वक विचार किया जाएगा।
कर्मचारियों की तैनाती स्वीकृत पद को सापेक्ष नही होने से राजकीय कार्य व गंगा एक्सप्रेस वे की भूमि खरीद के कार्य समय से नहीं हो पा रहे हैं। पूरे बदायूं में गंगा एक्सप्रेस वे की खरीद लगभग 46% परसेंट हो पाई है वही दातागंज तहसील में कर्मचारियों की कमी होने से गंगा एक्सप्रेसवे के चलते भूमि खरीद लगभग 38 % परसेंट हो पाई है।वही उपजिलाधिकारी पारस नाथ मौर्य के निर्देशन में 31/03/2021 तक का पैसा किसानों के खाते में जा चुका है वहीं शेष की पत्रावली तैयार है पेमेंट दो दिनों में हो जाएगा। त्रिस्तरीय चुनाव को सम्पन्न कराने को लेकर ही उपजिलाधिकारी पारस नाथ मौर्य को दातागंज तहसील की जिमेदारी जिलाअधिकारी बदायूँ द्वारा सौंपी गई थी जिसके चलते उन्होंने दिन रात एक कर चुनाव को निष्पक्ष संपन्न करवाया। जिसके चलते वह कोरोना पॉजिटिव हो गएथे वही कोरोनावायरस होने पर होम आइसोलेशन पर उन्होंने अपना इलाज करवाया इलाज के बाद ही जल्द ही कोरोना से जंग जीत कर उन्होंने चुनाव में जीते प्रत्याशियों की शपथ ग्रहण करवाई व शासन द्वारा चल योजनाओं को भी आम आदमी तक पहुंचाने का कार्य किया उसी दौरान कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए
पूरे प्रदेश में लॉक डाउन घोषित हो गया था उसके चलते गांव गांव लॉक डाउन की अपील भी करते दिखे साथ ही साथ कोरोना वायरस बीमारी के बचाव के लिए स्वास्थ्य टीम के साथ कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए ग्रामीणों से गांव गांव जाकर अपील भी की वही देर रात स्वयं बैठकर गंगा एक्सप्रेस का कार्य भी करवा रहे हैं जिसके चलते उनके 18 घण्टे कार्य करने के बाद भी कर्मचारियों की कमी के कारण कार्य मे देरी आ रही है।
- रिपोर्ट- अभिषेक वर्मा