प्रदेश में महामारी, आयुर्वेद चिकित्सक बने बैठे विकास अधिकारी
पंचायतीराज में रसमलाई के चक्कर में दवाई देना भूले आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी :-वीरेंद्र कोठारी
लक्ष्मणगढ़ (अलवर,राजस्थान) देश में कोरोना महामारी और प्रदेश में चिकित्सकों का अभाव ऐसे में आयुर्वेद चिकित्सकों को पंचायती राज ने क्यों बनाए बैठे हैं, वीडियो के पदाधिकारी एक और तो केंद्र सरकार चिकित्सकों का अभाव झेल रही है वहीं दूसरी ओर प्रदेश में आयुर्वेद विभाग और पंचायत राज विभाग दोनों ही किस तरह लापरवाह बने हैं प्रदेश के 31 आयुर्वेद चिकित्सकों को पंचायती राज विभाग के विकास अधिकारी के पद पर नियुक्ति दी गई है। जबकि आयुर्वेद विभाग खुद ही चिकित्सकों का अभाव झेल रहा है और प्रदेश के अंदर कोरोना संक्रमण फैल रहा है। ऐसे में महामारी से निजात दिलाने के लिए धरती के भगवान कहलाने वाले इन आयुर्वेद चिकित्सकों को जनता को महामारी से निजात दिलाने के लिए मूल विभाग में भेजना अति आवश्यक है। ग्रामीण जनों का यह कहना है कि यह अपने फर्ज को भूल कर दूसरे विभाग में जाकर भ्रष्टाचार में लिप्त हो चुके हैं, पंचायती राज की मलाई के चक्कर में आयुर्वेद की दवाइयों को भूल बैठे हैं अब इनका दिल और दिमाग पंचायती राज में लग चुका है अगर प्रदेश में महामारी से अगर जनता को बचाना है तो पंचायती राज में बने बैठे विकास अधिकारियों को अपने मूल विभाग आयुर्वेद चिकित्सकों को भेजना चाहिए।आयुर्वेद पर पंचायती राज विभाग के आयुक्त, कोविड-19 संक्रमण काल में उनकी सामने आई हकीकत
विभाग ने राजस्थान हाईकोर्ट में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा सेवाओं की मरीजों को तत्काल स्वीकार किया है कि 31 आयुर्वेद आयुर्वेद विभाग को नोटिस जारी कर आवश्यकता है। सुनवाई के दौरान आयुर्वेद विभाग ने अपने जवाब चिकित्सक वर्तमान में ग्रामीण जवाब तलब किया था। अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल कुमार कहा कि विभाग ने वर्ष 2015 में विकास एवं पंचायती राज विभाग में याची की ओर से अधिवक्ता गौड़ ने कहा कि आयुर्वेद विभाग की आयुर्वेद चिकित्सकों को पंचायत प्रतिनियुक्ति पर हैं, जिन्हें मूल विभाग श्याम सुंदर पालीवाल ने कहा कि ओर से प्रत्युत्तर पेश किया जा चुका
राज विभाग में प्रतिनियुक्ति के लिए कार्यमुक्त करने के कई पत्र आयुर्वेद विभाग ने 7 मार्च, 2017 है। अन्य प्रतिवादियों की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया
लिखने के बावजूद नतीजा सिफर तथा 19 नवंबर, 2019 को पंचायती प्रत्युत्तर पेश करने के लिए जिसके आधार पर 23 चिकित्सा है। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति राज के आयुक्तको प्रतिनियुक्त अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा को कार्यमुक्त किया गया। तथा न्यायाधीश विजय बिश्नोई की आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवाएं ने समय मांगा, जिसे स्वीकार करते चिकित्सकों को कार्यमुक्त नहीं खंडपीठ ने याचिकाकर्ता घेवरचंद लौटाने को कहा था। इन्हें बीडीओ हुए खंडपीठ ने 10 अगस्त को अगली करने पर हाल ही एक समन्वय की ओर से दायर जनहित याचिका पद पर नियुक्त कर रखा है। जबकि सुनवाई होगी।
- रिपोर्ट- गिर्राज प्रसाद सोलंकी