गांधी शास्त्री जयंती पर काव्य गोष्ठी आयोजित
डीग / भरतपुर / पदम जैन
डीग-3 अक्टूबर ड़ीग यंहा यहां राष्ट्र पिता महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर श्री लोहागढ़ साहित्य समिति डीग के तत्वावधान में देर साँय काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता सूबेदार मेजर रमेश चंद्र शर्मा ने तथा मुख्य अतिथि शिक्षाविद सोहनलाल थे।
गोष्ठी की शुरुआत मां शारदे की वंदना "हे बीना वादिनी मां हमकूं ऐसौ वर दै। अंधियारो मिट जाए मन ज्योतिर्मय कर दै"से हुई। कवि उमेश पाराशर ने मंगलमयी विचार हो मंगलमय व्यवहार। अपने हाथों में सदा है अपना उद्धार।से गांधी एवं शास्त्री के स्वावलंबी जीवन को दर्शाया। वेदराम नादान ने -कैसे कदम बढायें अब हम गैरों की उस बस्ती में, वो ऐसे इठलाते हैं जैसे बल होता रस्सी में। सुनाकर वाहवाही लूटी। राजेंद्र सिंह गुर्जर ने-गांधी जी की जयंती मना रहे हैं लोग, लाल बहादुर शास्त्री दौनों का संयोग। उमेश प्रजापत ने बेटी महिमा का सदा करिये तुम गुणगान,स्वयं त्रिवेदों ने किया बेटी का गुणगान कविता पढ़ी। कवि मोहन सिंह निर्भीक ने -भारत का मान बढ़ाया था, अहिंसा का पाठ पढ़ाया था, ऐसे बापू थे भारत के, मिलके जीना सिखलाया था रचना सुनाई।
कवि बाबूलाल भारती ने-दूर सही मजबूर सही याद तुम्हारी आती है, तुम सांस वहां लेते हो आवाज दिल में आती है।सुना कर वातावरण को श्रृंगारमय कर दिया। समिति के संस्थापक अध्यक्ष कवि चंद्रभान वर्मा चंद्र ने - गांधी तेरे बानरा चलते उलटी चाल, आंख कान मुंह खोल कर करते कुटिल कमाल। आदि दोहों के माध्यम से आज के परिपेक्ष्य में राजनीति पर कटाक्ष किया। इस अवसर पर कैप्टन कल्लू सिंह गुर्जर खोह, सुखराम पटवारी , कैप्टन