जिला राजपूत समाज अलवर की बैठक संपन्न, राजपूत देश की सर्वोच्च समाज- जीएस नरुका
अलवर, राजस्थान
अलवर जिला राजपूत समाज की बैठक में कुरीतियों को लेकर विचार व्यक्त किए गए बेटी पढ़ाओ बेटी बेटी बचाओ का आह्वान किया गया लड़के की शादी में एक रुपए का रिश्ता किया जाए भेज बिल्कुल नहीं लिया जाए यह भी निर्णय लिया गया बेटियों को अच्छे संस्कार दें जिससे अपनी जाति बंधुओं से ही रिश्ता करें नाके अंतर्जातीय क्योंकि राजपूत समाज देश की समाज है सर्वोच्च समाज है अन्य जातियों की रक्षा करने वाली समाज है इसी के साथ डॉक्टर जी एस नरुका पूर्व चेयरमैन एवं प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा जयपुर ने कहा कि जो अलवर की रजिस्टर्ड संस्था है इन पर मनुवादी लोगों ने कब्जा कर रखा है यह करीब 30 लोग हैं अलवर शहर के एवं आसपास के इन्होंने षडयंत्र पूर्वक समाजों पर कब्जा कर रखा है जबकि समाज के 185000 लोग अलवर जिले में वास करते हैं लेकिन इन 30 लोगों ने अपने मोनोपोली से राजपूतों को भ्रम जाल में फांस रखा है उनको यही पता नहीं लगता कि कब चुनाव हुए और कब कौन पदाधिकारी बन गया यह 30 लोग एक बार श्री प्रताप राजपूत छात्रावास के अध्यक्ष सहित 11 की कार्यकारिणी बन जाती है और यही लोग अगली बार श्री राजपूत सभा अलवर की कार्यकारिणी में चले जाते हैं और वह श्री प्रताप राजपूत छात्रावास में आ जाते हैं इस तरीके से इन्होंने जबरदस्ती कब्जा कर रखा है जिसका राजपूत समाज के लोगों ने मीटिंग में जोरदार इसे विरोध किया और कहां कि जब श्री राजपूत समाज के कार्यकारिणी बनाई गई जिले की जिला अध्यक्ष सहित तो केवल 5 लोग मौजूद थे जिनके फोटो सब लोगों के पास हैं क्योंकि उन्होंने फेसबुक पर डाले थे सर्वसम्मति से चुनाव होने के जबकि कानूनी तौर से हर 3 साल में चुनाव होने चाहिए और चुनाव के जरिए जो ग्रुप चुनाव जीत कर आए वही राजपूत समाज के मुखिया कहलाते हैं जबकि हां विपरीत होता है इसी तरीके से श्री राजपूत प्रताप छात्रावास मैं भी इन्होंने गफलत बाजी करके और जो चुनाव लड़ने जा रहे थे तो चुनाव अधिकारी से चुनाव नहीं कराए और कार्यकारिणी के पदाधिकारी बन कर बैठ गए इसलिए जिला के 185000 राजपूत पूरी तरह से हमसे खफा हैं और उनका कहना है कि जब चुनाव होते हैं हमें क्यों नहीं बुलाया जाता ना किसी कार्यक्रम की हमें सूचना दी जाती है कोई भी कार्यक्रम होता है तो अपने घर परिवार वाले और रिश्तेदारों को बुला लेते हैं इस तरीके से राजपूत समाज नहीं चल सकता इन लोगों का बंधुआ मजदूर नहीं है इसलिए यह निर्णय लिया गया आज की मीटिंग में न्यू श्री राजपूत समाज का गठन किया जाए और वह समाज गांव गांव ढाणी ढाणी जाकर सदस्य बनाए जिसकी फीस केवल ₹11 रखी जाए ना कि ₹500 क्योंकि ₹500 हर आदमी गांव और ढाणी का नहीं दे सकता यह निर्णय निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया श्री राजपूत समाज और श्री प्रताप राजपूत शिक्षा समिति के ऊपर तो केसी चल रहा है
कोर्ट के अंदर इनका बहिष्कार किया गया और समाज ने कहा कि हम आपके कार्यकारिणी यों को नहीं मानते क्योंकि जब आप ने हमें बुलाया ही नहीं तो हम कैसे मान लें का पदाधिकारी हो राजपूत समाज के इस कार्यक्रम में करीब सैकड़ों राजपूतों ने भाग लिया सबने कोरोना को ध्यान में रखते हुए मांस का उपयोग किया सोशल डिस्टेंस बनाकर रखा इस कार्यक्रम में ठाकुर साहब श्याम शरण सिंह रेटी वीरेंद्र सिंह सिंह चौहान समोची राम अवतार सिंह चौहान विजय सिंह चौहान कमांडेड रिटायर्ड गणपत सिंह नरुका एडवोकेट सोनपुर वाले एडवोकेट रामवीर सिंह जादौन जितेंद्र सिंह भाटी भँवर उदयसिंह मुंगास्का जितेंद्र सिंह राठौड़ कान सिंह नरुका कार्यक्रम का संचालन किया तेज सिंह राठौड़ बडोली राज सिंह तवर मोहन सिंह नरूका ए पी पी पीपलखेड़ा मोहन सिंह नरूका अलवर नरेंद्र सिंह राठौर विजेंद्र सिंह चौहान विजेंद्र सिंह नरूका पीटीआई दशरथ सिंह शेखावत हनुमान सिंह शेखावत विजेंद्र सिंह नरूका जितेंद्र सिंह नरूका बलराम सिंह नरूका गौरव सिंह नरूका सुर ज्ञान सिंह काफी सा काफी संख्या में राजपूत समाज के लोग मौजूद रहे