एम्स दिल्ली में एमसीएच के लिए डॉ द्रोण का हुआ चयन
भीलवाड़ा (राजस्थान/ बृजेश शर्मा) ऑल इंडिया मेडिकल इन्स्टूटियूट ऑफ साइंस, नई दिल्ली द्वारा प्रति वर्ष गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एवं लिवर ट्रांसप्लांट विषय में 3 वर्षीय सुपर स्पेशलाइजेशन कोर्स के लिए एमसीएच में दो सीटों के लिए प्रतियोगी व परीक्षा आयोजित कर चयन किया जाता है। इस वर्ष एम्स द्वारा आयोजित की गई इस परीक्षा में भीलवाड़ा के डॉ. द्रोण शर्मा का चयन किया गया। यह भीलवाड़ा नहीं वरन पूरे राजस्थान के लिए गौरव की बात है। इस प्रतियोगी परीक्षा में 15 हजार से अधिक एमएस डॉक्टरों ने भाग लिया था। जिसमें से पहले दौर में 250 चिकित्सकों का चयन किया गया। बाद में परीक्षा में केवल 12 चिकित्सक ही चयनित हो पाये। जिनका साक्षात्कार लेकर केवल दो का चयन किया गया। जिसमें डॉ. द्रोण शर्मा एक है। डॉ. द्रोण शर्मा स्थानीय तिलकनगर स्थित सिद्धी विनायक हॉस्पिटल एवं हार्ट केयर सेंटर के संचालक डॉ. दुष्यंत शर्मा एवं डॉ. रेखा शर्मा के सुपुत्र है।
कुशाग्र बुद्धी के धनी डॉ. द्रोण इससे पूर्व भी केएलई यूनिवर्सिटी बेलगांव से चिकित्सा विभाग के सभी संकायों में एमएस तथा आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर से एमबीबीएस में गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं। उन्होंने यूनिवर्सिटी के टॉपर रहने के साथ ही दो स्वर्ण पदक भी जीते थे। डॉ. द्रोण शर्मा अब दिल्ली स्थित एम्स में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एवं लिवर ट्रांसप्लांट विषय में 3 वर्षीय सुपर स्पेशलाइजेशन कोर्स का प्रशिक्षण लेकर एमसीएच करेंगे। डॉ. द्रोण ने दूरभाष पर बातचीत के दौरान बताया कि मेवाड़ भूमि खासतौर पर भीलवाड़ा में विश्व स्तरीय श्रेष्ठ चिकित्सकीय सेवाएं देना उनकी पहली प्राथमिकता होगी ताकि रोगियों को मुम्बई अहमदाबाद जैसे स्थानों पर महंगे उपचार के लिए नहीं जाना पड़े।
उन्होंने यह भी बताया कि 3 वर्षीय कोर्स को पूरे मेहनत और लगन परिश्रम से अंजाम दूंगा और श्रेष्ठतम जानकारियां हासिल कर पीड़ित मानवता की समर्पित भाव से सेवा करूंगा। भीलवाड़ा के लिए यह पहला मौका है जब यहां के किसी सर्जन को दिल्ली स्थित एम्स में एमसीएच के लिए चयन हुआ हो। डॉ. द्रोण की इस सफलता उनके परिजनों, शुभचिंतकों आदि ने हर्ष व्यक्त करते हुए भविष्य में निरंतर प्रगति और पीड़ित मानवता की सेवा में लगे रहने की शुभकामनाएं और आशीष दिया।