भक्ति, त्याग और समर्पण से ईश्वर की प्राप्ति का है श्रेष्ठ मार्ग - बेरवाल
डीग (भरतपुर, राजस्थान/ पदम जैन) -संसार में तीन तरह की व्यक्ति होते हैं ,एक वह जो अनास्थावान होकर जीवन यापन करते हैं।और अनैतिकता व नैतिकता में अंतर नहीं करते हैं। एवं ईश्वर में विश्वास ना करते हुए अपना कार्य संपादन करते हैं।यह बात कस्बें के ऐतिहासिक लक्ष्मण मंदिर डीग में आयोजित पौषबड़ा एवं भक्ति भजन संध्या कार्यक्रम में भाग लेते हुए संभागीय आयुक्त पी.सी बेरवाल ने कही।
उन्होने कहा कि दूसरे प्रकार के व्यक्ति अनैतिकता व नैतिकता में अन्तर नही करते दूसरे के ज्ञान के द्वारा ईश्वर को प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं ।लेकिन ईश्वर को प्राप्त नहीं कर पाते हैं ।जबकि तीसरे प्रकार के व्यक्ति भक्ति मार्ग से ईश्वर की साधना करते हैं यह मार्ग त्याग और समर्पण का मार्ग है। इस मार्ग पर चलने वालों के परमपिता प्रभु स्वयं उनका हाथ पकड़ कर आगे आगे चलते हैं । कार्यक्रम के दौरान मंदिर के महंत मुरारी लाल पाराशर ने संभागीय आयुक्त पीसी बेरवाल, उपखंड अधिकारी हेमंत कुमार, पुलिस उप अधीक्षक आशीष कुमार प्रजापत का पितांबरी दुपट्टा उढ़ाकर के स्वागत किया।
इस मौके पर महंत पाराशर ने ब्रज की महिमा का बखान करते हुए कहा कि ब्रज प्रेम की भूमि है ,और काशी ज्ञान की भूमि है ,एवं अयोध्या वैराग्य की भूमि है। ब्रज में आकर भक्ति भी स्वयं नृत्य करने लगती है। ब्रज की रज वह रज है कि भगवान श्री कृष्ण ने भी बृज की मिट्टी खाई उन्होंने इस मिट्टी को खा कर यह देखा कि इस मिट्टी में ऐसा कौन सा गुण है। जो मुझको गौलोक धाम से गोकुल तक लेकर आई ।ब्रज कण कण में भगवान श्री कृष्ण का वास है।
इस अवसर पर संभागीय आयुक्त पी सी बेरवाल ने अपने परिवार सहित लक्ष्मण जी, उर्मिला जी एवं राम लाला के दर्शन किए । इस दौरान पंडित गौरीशंकर पाराशर, राघव पाराशर, जितेंद्र पाराशर, सुनील सरल, सुरेश शर्मा ने ब्रज की भक्ति से भरे भजनों की प्रस्तुति दी । इस मौके पर पालिका अध्यक्ष निरंजन टकसालिया, वैद्य नंदकिशोर गंधी ,सुंदर सरपंच, महेंद्र शर्मा, हरिओम पाराशर, प्रहलाद मित्तल ,गोकुल झालानी आदि लोग उपस्थित थे।