पसोपा में होगी किसान पंचायत, ब्रज के पर्यावरण व पवतों के विनाश के विरुद्ध लामबंद होंगे किसान
ब्रज के पर्वतों पर हो रहे विशाकारी खनन के खिलाफ साधू-संतों व ग्रामीणों ने लगातार दूसरे दिन भी रोका ककराला से रसूलपुर रास्ता
ड़ीग (भरतपुर,राजस्थान/ पदम जैन) आदिबद्री व कंकाचल पर्वतीय क्षेत्र में हो रहे विनाशकारी खनन के विरोध में गाँव पसोपा में अनिश्चतकालीन धरने के 33वे दिन बुधवार को धरना स्थल पर आयोजित भागवत कथा के कृष्ण लीला के प्रसंग में साध्वी गौरी ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं में यह सम्पूर्ण आदिबद्री क्षेत्र का प्रमुख स्थान रहा है जहां प्रशासन के अनैतिक रवैये के विरुद्ध धरना दिया जा रहा है, इस आदिबद्री पर्वत के भूभाग का गर्ग संहिता ब्रज भक्ति विलास श्रीमद्भागवत वाराह पुराण तथा वेदों में भी विस्तृत वर्णन मिलता है। यहां नर नारायण पर्वत,त्रिकूट पर्वत ,गंधमादन पर्वत मैनाक पर्वत,अलख नंदा, गंगोत्री यमुनोत्री, हरिद्वार हरि की पौड़ी के साथ साथ सैकड़ों पवित्र स्थल हैं जिनके प्रति करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है। लेकिन बड़े दुख की बात है कि बड़ी निर्ममता से इन दिव्य लीला स्थलों का विनाश खनन माफियाओं द्वारा किया जा रहा है । मानमंदिर के अध्यक्ष राधाकांत शास्त्री ने कहा कि जो कार्य साधु संत कर रहे है, वह कार्य मूलतः प्रशासन का है, लेकिन खेद का विषय है कि शासन की लापरवाही के चलते खुद ग्रामीणों व साधु संतों को सुरक्षित जीवन व पर्यावरण की रक्षा के लिए सड़कों पर आना पड़ रहा है । उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ग्रामीणों व संत समाज के द्वारा अभी तक कोई भी असंवैधानिक कार्य नहीं किया गया है। उनका कहना था कि किसी गंभीर विषय को लेकर प्रदर्शन कर सरकार का ध्यान आकर्षित करना उनका मौलिक अधिकार है जो भारतीय संविधान उन्हें देता है । किसान संघ के अध्यक्ष मोहन सिंह ने बताया कि गुरुवार को होने वाली किसान पंचायत की तैयारियां पूरी कर ली गयी है व बड़ी संख्या में ग्रामीण किसान व वरिष्ठ किसान नेता इस कार्यक्रम में उपस्थित होकर ब्रज के पर्यावरण व पवतों के विनाश को बढ़ावा देने में संलिप्त प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे । बुधवार को ग्रामीणों व साधु संतों ने ककराला - रसूलपुर, कैथवाड़ा - डीग व ककराला - डीग मार्ग से खनन सामग्री को ले जाने वाले भारी वाहनों को नहीं जाने दिया । पसोपा सरपंच सुल्तान सिंह ने कहा कि जो रास्ते गांवों की आम जनता के उपयोग के लिए बनाए गए थे उन पर खनन पत्थरों का परिवहन करने वाले भारी वाहन दौड़ते हैं जिससे स्थानीय ग्रामीण जनता दहशत में है व आये दिन कोई न कोई दुर्घटना होती रहती है । इस अवसर प्रमुख रूप से आदिबद्री महंत शिवराम दास, साध्वी मधुबनी, सरपंच सुल्तान सिंह, सरपंच विजयसिंह, सरपंच जलाल लहान , मुकेश शर्मा, देवीराम, राजेन्द्र, सूरजमल, एडवोकेट कुलदीप बैंसला, गोपाल दास, कृष्ण दास बाबा, ब्रजकिशोर बाबा, कृष्ण चैतन्य बाबा ओर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।