किसान खेती में आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर अपनी आमदनी करें दुगनी - डॉ उदयभान सिंह
इकलेरा और बद्रीपुर में किसान प्रशिक्षण शिविर आयोजित
ड़ीग (भरतपुर, राजस्थान/ पदम जैन) पंचायत समिति डीग के गांव इकलेरा तथा बद्रीपुर में गुरुवार को परियोजना निदेशक आत्मा भरतपुर के सौजन्य से कृषक रुचि समूह प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया। जिनमे 160 किसानों ने भाग लिया ।
शिविरो में परियोजना निदेशक आत्मा भरतपुर योगेश शर्मा ने किसानो को वताया कि हर वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी, राजस्थान सरकार, आत्मा योजनांतर्गत प्रत्येक पंचायत समिति से पांच पांच किसानों को पुरस्कृत करेगी. इसके लिए किसान अपने नजदीकी कृषि पर्यवेक्षक या कार्यालय परियोजना निदेशक आत्मा भरतपुर से संपर्क करें। जिसके आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त है। शर्मा ने किसानों को कृषक रुचि समूह गठन, एफपीओ समूह गठन के बारे में विस्तार से जानकारी देते इनके गठन का तरीका कार्य करने का तरीका, समूह बनाकर कृषि कार्य करने के लाभ इत्यादि के बारे विस्तार से जानकारी दी। शर्मा ने किसानों से अपील की बदलते परिवेश में खेती को मुनाफे का सौदा बनाने के लिए सजगता के साथ नई नई कृषि तकनीकों को अपनायें और अपनी आमदनी बढ़ाएं। परियोजना निदेशक आत्मा भरतपुर ने किसानों को बागवानी फसलों को भी अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने वताया कि राज्य सरकार किसानों के लिए कृषि आधारित उद्योग धंधे स्थापित करने में भी सहयोग और अनुदान उपलब्ध करा रही है। पशु आहार इकाई, डेयरी उद्योग, दाल इकाई, धान से चावल तैयार करने की इकाई, अचार, जैम, जैली, मुरब्बा इकाई , सरसों तेल निकालने के लिए इकाई की स्थापना करने पर सरकार किसानों को लागत का 50 प्रतिशत अथवा अधिकत्म 2 करोड रूपए तक अनुदान उपलब्ध करा रही है। इसके लिए किसान एफपीओ बना कर अपनी आमदनी बढ़ाने का प्रयास कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने किसानों को पैदावार बढ़ाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रखी हैं, किसानों के लिए उन्नत कृषि यंत्र, पौध संरक्षण यंत्र, सिंचाई पाइप लाइन, तथा खेत तलाई (फार्म पोंड) , तारबंदी, इत्यादि पर सरकार द्घारा अनुदान दिया जा रहा है अगर किसान सिंचाई के लिए वर्षा जल का संग्रहण करना चाहते हैं। तो इसके लिए वह कच्चे तालाब का निर्माण कर सकते हैं। इसके लिए किसान 20 मीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा तथा 3 मीटर गहरा गड्ढा तैयार कर लें, इसे बनाने के लिए सरकार 63,000 रुपए का अनुदान दे रही है। अगर इस कच्चे तालाब में पानी नहीं रुकता है तो किसान भाई प्लास्टिक की शीट भी तालाब में बिछा सकते हैं। इसके लिए भी सरकार 2500 रुपए की छूट दे रही है।
शर्मा ने किसानों को जानकारी दी कि योजनांतर्गत विभिन्न प्रकार के कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रमों, कृषक भ्रमणों, गोष्ठियों इत्यादि के माध्यम से आधुनिक और उच्च स्तर की तकनीक की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए किसानो को जिले के अंदर, राज्य के अंदर तथा राज्य से बाहर प्रशिक्षण दिलवाया जाएगा।
श्री शर्मा ने बताया कि, इसी तरह से जिले के अंदर, राज्य के अंदर तथा राज्य से बाहर किसान भाइयों को कृषि संबंधी अनुसंधान केन्द्रों, कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केन्द्रों पर भ्रमण कराया जाएगा ताकि जिले के किसान भाई नए नए आविष्कारों की जानकारी प्राप्त कर सकें।
डॉ उदयभान सिंह ने उपस्थित किसानों को बागवानी, सब्जियों, मसाला फसलों, ग्रीन हाउस, शैड नैट हाउस, मल्चिंग, लो टनल की विस्तार से जानकारी देते हुए किसानों को स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप बेर तथा करोंदा के बगीचे लगाने की सलाह दी। उन्होंने फसल विविधीकरण के बारे में जानकारी देते हुए किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने और दोगुना करने के लिए उद्यानिकी फसलों, विशेष रूप से बेर, करोंदा के बगीचे तथा सोंफ की फसल अपनाने की सलाह दी। डॉ सिंह ने किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र कुम्हेर, कृषि अनुसंधान उपकेंद्र कुम्हेर तथा कृषि महाविद्यालय कुम्हेर में आकर तकनीकी जानकारी प्राप्त करने तथा वहां फार्म पर आधुनिक तकनीकों से की जा रही खेती को देखने के लिए आने का आमंत्रण दिया।