मोक्षकल्याणक के साथ चार दिवसीय पंचकल्याणक महोत्सव का हुआ समापन
भरतपुर,राजस्थान / पदम चंद जैन
डीग (19दिसम्बर) ड़ीग उप खंड के कस्बा जनूथर में श्रीमज्जिनेन्द्र जिन बिंब पंचकल्याणक महोत्सव एवं विश्वशांति महायज्ञ का शनिवार को आचार्य वसुनंदी महाराज के मंगल आशीर्वाचन ज्ञानानंद संयमानंद प्रज्ञानंद प्रशमानंद शिवानंद पंच जैन मुनिवरों के ससंघ सानिध्य में श्रृद्धा आस्था विश्वास के साथ भगवान आदिनाथ के मोक्षकल्याणक रुप में समापन हुआ।महोत्सव का प्रतिष्ठाचार्य राकेश जैन एवं धर्म जाग्रति संस्थान अलवर के अध्यक्ष अंकुर जैन के दिशानिर्देश में आध्यात्मिक रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ समापन हुआ।कस्बा में प्रतिष्ठापित तृतीय तीर्थंकर भगवान संभवनाथ की निर्माणाधीन जैन मंदिर के सहयोगार्थ पंचकल्याणक महोत्सव का आयोजन धर्म जाग्रति संस्थान अलवर एवं कस्बा के स्थानीय सकल दिगम्बर जैन समाज के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।पंचकल्याणक महोत्सव के अंतिम दिन आदिनाथ का पाषाण से भगवान बनने की प्रक्रिया सम्पन्न हुई जो गर्भकल्याणक से आरंभ होकर मोक्षकल्याणक रुप तक चली।जहाँ महोत्सव के चौथे दिन भगवान आदिनाथ का कैलाश पर्वत से मोक्षगमन हुआ।भगवान आदिनाथ के मोक्षोपरांत जिनवाणी एवं वैदिक ऋचाओ के साथ विश्वशांति महायज्ञ सम्पन्न हुआ।आचार्य वसुनंदी महाराज ने बताया कि अ इ उ ऋ लृ इन पंच लघु स्वरों के उच्चारण करने में जितना समय लगता है उतने समय में भगवान आदिनाथ का मोक्ष गमन होता है।आचार्य द्वारा मौंजूद जैन अनुयायियों को जिनवाणी के साथ ण्मोकार मंत्र का जाप करा संयमित जीवनशैली अपनाने की बात कही।शाम को वसुनंदी महाराज ने आयोजन स्थल से विश्व की सबसे तेरह फीट ऊंची एवं पच्चीस टन वजनी जैन मंदिर में प्रतिष्ठापित भगवान संभवनाथ की प्रतिमा स्थल गये।चार दिन तक चले पंचकल्याणक महोत्सव में जैन अनुयायियों को ध्वजारोहण से लेकर कलशधारण आचार्य के पाद प्राक्षलन आशीर्वाचन का सौभाग्य प्राप्त हुआ।पंचकल्याणक महोत्सव में दिल्ली, हरियाणा ,मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि दूरस्थ प्रातों से भाग लेने वाले जैन मतावलंबियों सहित धर्म जाग्रति संस्थान अलवर के सदस्यों का कस्बा जनूथर जैन समाज के अध्यक्ष रघुवर दयाल जैन,अशोक जैन मदन जैन दिलीप जैन गुड्डू जैन लक्ष्मण जैन शशि जैन सहित सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से स्वागत किया गया।महोत्सव के अंतिम दिन डीग तहसीलदार अशोक कुमार शाह ने परिजनों सहित आशीर्वाचन प्राप्त किया।