खुले आसमान के नीचे अपनी जिंदगी व्यतीत कर रहे गाड़िया लोहार परिवार
ग्राम पंचायत को जमीन अलॉट करने की बात कही थी। परंतु विधायक के आश्वासन के बावजूद भी गाड़ियालोहार परिवार के लोगों के लिए जमीन उपलब्ध नहीं हो सकी। जब कोई जनप्रतिनिधि कस्बे में आता भी है तो कार्यकर्ताओ द्वारा गाड़ियालोहार परिवार के लोगों को उस परिसर में प्रवेश तक नही दिया जाता।
बड़ौदामेव (अलवर, राजस्थान/ रामबाबू शर्मा) जिले के बड़ौदामेव कस्बे में अलवर भरतपुर रोड पर गत कई वर्षों से खुले आसमान के नीचे अपनी जिंदगी व्यतीत कर रहे गाड़िया लोहार परिवार के लोगों की दुर्दशा को सुनने वाला कोई भी नहीं है। स्थानीय ग्राम पंचायत के सरपंच से लेकर क्षेत्रीय विधायक तक इनकी सुनवाई नहीं करते हैं। गौरतलब है कि रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने गत कई महीनों पूर्व भी गाड़िया लोहार परिवार के लोगों के लिए ग्राम पंचायत को जमीन अलॉट करने की बात कही थी। परंतु विधायक के आश्वासन के बावजूद भी पंचायत आज तक गाड़ियालोहार परिवार के लोगों के लिए जमीन उपलब्ध नहीं करा सकी।
गाड़िया लुहार परिवार के बुजुर्ग मुखिया ने बताया कि पंचायत द्वारा हमारे पहचान पत्र बनाकर हमे वोटर तो बना दिया ताकि हमारा अमूल्य वोट हम उन्हें दे सके। चुनावो के समय जनप्रतिनिधियों द्वारा हर बार हमे झूठे आश्वसन दिए जाते है। परंतु चुनाव हो जाने के बाद कोई भी नेता हमारी खबर तक नही लेने आता। यहाँ तक जब कोई जनप्रतिनिधि कस्बे में आता भी है, तो कार्यकर्ताओ द्वारा हमे उस परिसर में प्रवेश तक नही दिया जाता।
आपको बता दे कि गाड़िया लुहार परिवार के लोग आज भी अलवर भरतपुर हाईवे रोड के दोनों साइड अपनी जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं। जहाँ हमेशा हादसा होने का खतरा मंडराता रहता है। पूर्व में भी कई बार शराब पीकर वाहन चालक ने इनके झोपड़े पर वाहन चढ़ा दिया। जिससे बड़ा हादसा होते-होते टला। परंतु प्रशासन अभी भी आंखे बंद करके बैठा है। जहां गाड़िया लोहार परिवार के लोग रहते हैं, वहां कस्बे का सारा कूड़ा कचरा फेंका जाता है। जिससे वहां हमेशा आवारा पशु मंडराते रहते हैं तथा वहां गंदगी का आलम होने के कारण सारा दिन गंदी बदबू आती रहती है। साथ ही कई विषैले मच्छर भी वहाँ पैदा हो चुके है। जिससे इन गरीब गाड़िया लुहार परिवार के लोगों का जीना दुश्वार हो चुका है। मेहनत करके व घरों से मांग कर अपनी जिंदगी व्यतीत करने वाले इन लोगो के लिए प्रशासन द्वारा आज तक कोई ठोस कदम नही उठाये गए।
आप कल्पना भी नही कर सकते कि जहाँ आम लोग इतनी सर्दी ठंड में बहाने निकल मैं कतराते हैं ऐसी ठंड में कोहरे मेआसमान के नीचे ये लोग कैसे अपनी जिंदगी व्यतीत कर रहे होंगे। सर्दी ही नहीं गर्मी 45 डिग्री तापमान, बारिश हर मौसम में इन्हें खुले आसमान के नीचे ही अपनी जिंदगी गुजारनी पड़ रही है। क्योकि इनके पास खुद के घर नही है। एक ओर तो सरकार रेन बसेरा जैसी योजनाओं का ढिंढोरा पिटती है, वही पूरे जिले में गाड़िया लुहार परिवार के लोगो की जिंदगी खुले आसमान के नीचे ही गुजर रही है। स्थानीय लोगो ने गाड़िया लुहार परिवार के लोगो के लिए ग्राम पंचायत व विधायक से जमीन उपलब्ध करवाकर इनके रहने के लिए आशियाने की मांग की है।