सरकार ओलावृष्टि से पीड़ित किसानों को 25000 रुपए प्रति बीघा के हिसाब से दे मुआवजा : फौजदार
ड़ीग के नसवाड़ा मोड़ पर किसान पंचायत आयोजित
डीग (भरतपुर, राजस्थान/ पदम जैन) ड़ीग उपखंड के नसवाड़ा मोड पर शुक्रवार को किसानों की पंचायत शिब्बी फौजदार की अध्यक्षता में आयोजित की गई जिसमें ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी फसल को हुए भारी नुकसान पर चिंता जताते हुए सरकार से किसानों को 25 हजार प्रति बीघा के हिसाब से मुआवजा देने की मांग की गई।
पंचायत में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर सरकार से किसानों को 25 हजार रुपये प्रति बीघा के हिसाब से मुआवजा देने, बीमा कंपनियों को बैंकों के साथ पाबंद कर जिन किसानों को बीमा का लाभ मिल सकता है उनकी तकनीकी खामियां हटाकर बीमित करने , तथा स्थानीय प्रशासन व सरकार जिन किसानों की जमीन अलग-अलग गांवों में हैं उनको मुआवजा जमीन के आधार पर दिया जाए। किसान प्रतिनिधियों का कहना था कि किसान का नुकसान जमीन की जोत के हिसाब से हुआ है इसलिए सरकार का प्रति किसान सीमित मुआवजा देना किसान को मुसीबत में डालना है अतः सरकार को प्रति बीघा के हिसाब से छोटे व बड़े किसानों को समान रूप से मुआवजा देना चाहिए।पंचायत में विभिन्न वक्ताओं का कहना था कि ओलावृष्टि ने खेतो में खड़ी लाहै और गेहूं की फसल पूरी तरह को पूरी तरह बर्बाद कर किसान की कमर तोड़ दी है। पहले से ही कर्जे में डूबा किसान वर्ष भर अपने खाने व जरूरी कामो का इंतजाम अब कैसे कर पायेगा। किसानों ने साहूकारो से कर्ज लेकर जैसे तैसे खाद बीज का जुगाड़ कर फसल बोई थी जो ओलाबृष्टि से पूर्णतः नष्ट हो चुकी है। अब किसानो के समक्ष संकट खड़ा हो गया कि वह कहा से कर्ज चुकाएगा और कहा से अपने घर परिवार के जरूरी कामो को पूरा करेगा।
मोहन सिंह गुर्जर और अन्य वक्ताओं का कहना था कि हमारे क्षेत्र में सरसो की फसल ही किसानो के जीवन निर्वाह का मुख्य साधन है । जो ओलावृष्टि से पूरी तरह तबाह हो चुकी है। ऐसे संकट के समय मे सरकारों ने फसल बीमा के जो कानून बनाये है वह भी किसान के लिए दूर की कौड़ी है। क्योंकि उन कानूनों में सरलता नही है तथा किसानो को उनकी सही जानकारी नही है। जिसके चलते कर्ज में डूबा किसान इन कानूनों का लाभ उठाने में सक्षम नही है। लिहाजा राज्य सरकार किसानों की हालत देखकर वर्तमान लागत व खेती की आय के हिसाब से विशेष पैकेज देकर किसानों के आंसू पूछे।किसान प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि अगर जरूरत पड़ी तो किसान कोरोना लाइन का पालन करते हुए लंबे आंदोलन से पीछे नही हटेगा। पंचायत में पूर्व सरपंच दलवीर सिंह,जिला परिषद प्रतिनिधि सुबरन सिंह मवई,सरपंच वीरी सिंह, सरपंच साधना भीम सिंह, ,पूर्व सरपंच गोविंद सिंह खोहरी,सहित दर्जनों किसान नेताओ ने अपने विचार व्यक्त किये। संचालन नंदराम ने किया।