सोलर कंपनी लगाने के लिए काटे जा रहे सैकड़ों पेड़, ग्रामीणों में फूटा गुस्सा
ग्रामीणों का आरोप है कि- हमने कंपनी को जमीन लीज पर दी थी लेकिन पेड़ काटने की अनुमति नहीं दी
जैसलमेर (राजस्थान/ ओमप्रकाश मांगलिया) जैसलमेर जिले की फतहगढ़ तहसील क्षेत्र के विभिन्न गाँवों में सोलर कम्पनियों को लीज पर दी गई जमीनों पर मरुस्थलीय पर्यावरण में प्राकृतिक रूप से उगे हुए सैंकड़ों वर्ष पुराने वृक्षों को कम्पनियों द्वारा काट दिये जाने पर ग्रामीणों में गुस्सा फुट रहा है। जिसको लेकर सोमवार को फतहगढ़ तहसीलदार और एसडीएम को ग्रामीणों द्वारा खींवराज सिंह भाटी रणधा राष्ट्रीय भ्र्ष्टाचार निरोधक एवं मानवाधिकार संगठन मंत्री के नेतृत्व में एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन के साथ पिछले महीनों दवाड़ा गाँव मे बिना अनुमति 111 वृक्षों के काटने, श्री देगराय ओरण में वृक्षों की कटाई की रिपोर्ट भी सौंपी गई। रिपोर्ट में राज्य वृक्ष खेजड़ी, राज्य पुष्प रोहिड़े के महत्वपूर्ण वृक्षों को नियमों को ताक पर रखकर काटे जाने के बारे में विस्तृत जानकारी हे। जिन वरक्षों पर क्षेत्र के ग्रामीणों, उनके पशुधन और वन्यजीवों जिनमे राष्ट्रपक्षी मोर, राज्य पशु ऊँट व चिंकारा आदि का जीवन भी आधारित है उसी वन सम्पदा को नष्ट करने पर विरोध जताया गया है। मौजूद ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी जमीनें कम्पनी को लीज पर दी थी, वहाँ उगे हुए मौजूद प्राचीन पेड़ काटने के लिये नहीं।
ग्रामीणों ने ज्ञापन के माध्यम से लीज पर दी गई जमीनों पर पर्यावरण नियमों की पालना करवाने, मौजूद वृक्षों को नहीं काटने की माँग तहसीलदार व उपखंड अधिकारी से की है। इस दौरान प्रधान जनकसिह, खिवराजसिह भाटी, पर्यावरण संरक्षक सुमेरसिंह भाटी, विरधा राम, पवन गौड़, भोमाराम, रोशन, जतीन, तेजाराम, रतन चोधरी, प्रेम चौधरी, प्रेम दईया आदि ग्रामीण मौजूद रहे।