अगर ब्रज के पर्वत पर खनन बंद नहीं हुआ तो सरकार साधु संतों व ब्रजवासियों से अंतिम लड़ाई के लिए रहे तैयार - आंदोनकारी
राजस्थान सीएम धृतराष्ट्र ना बने, साधु संतों की पुकार सुन ब्रज के पर्वतों की रक्षा अविलंब करें - साध्वी मधुबनी
पहाड़ी (भरतपुर, राजस्थान/भगवानदास) क्रांति यात्रा अपने पड़ाव भैसेड़ा से चलकर बोलखेड़ा आदि गांव में होते हुए कामां पहुंची। बोलखेड़ा पहुंचने पर ग्राम वासियों ने क्रांति यात्रा का भव्य स्वागत करने के बाद आंदोलन में हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।
ब्रज पर्वत संरक्षण समिति के संरक्षक राधा कांत शास्त्री ने बोलखेड़ा वासियों को अपील करते हुए कहा बोलखेड़ा के ब्रजवासी सदैव से ब्रजभूमि ब्रज संस्कृति की रक्षा के लिए तत्पर रहे हैं। विगत संघर्ष में भी बोलखेड़ा वासियों ने कामां व डीग के पहाड़ों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि बोलखेड़ा ही वह गांव था जिन्होंने खनन माफियाओं को खदेड़ कर यहां से भगाया था एवं साधु संतों का पूर्ण सहयोग किया था। उन्होंने अपील कि आज पुनः बोलखेड़ा वासियों के सहयोग की अपेक्षा है । आगामी कनकाचल व आदिबद्री पर्वत को खनन मुक्त करने की अंतिम लड़ाई में भारी संख्या में बोलखेड़ा वासी सम्मिलित हो ।
इस पर सभी ग्रामवासियों ने इस आंदोलन में पूर्ण सहभागिता का प्रण लिया है। वही यात्रा को संबोधित करते हुए साध्वी मधुबनी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को संदेश देते हुए कहा कि वे धृतराष्ट्र भूमिका निभाने के बजाए ब्रज की संस्कृति व पुरानी संपदा को नष्ट ना होने दें अन्यथा इसके परिणाम पूरे प्रदेश के लिए बड़े प्रतिकूल होंगे उन्होंने कहा विभीषण ने रावण को कई बार समझाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं माने और इसका परिणाम यह हुआ उनका पूरा कुल नष्ट हो गया है साधु संत यात्रा के माध्यम से बार-बार संदेश दे रहे हैं और अगर वह नहीं समझ पाए तो उनको साधु संतों का कोप और ईश्वर का रोष झेलना पड़ेगा इसलिए वह अविलंब हमारे परम आराध्य परिवर्तन का जल व आदि बद्री को खनन मुक्त कर संरक्षित घोषित करें
कामा पहुंचने पर क्रांति यात्रा मैं सम्मिलित यात्रियों ने सर्वप्रथम कामा में हाल ही मे हुई त्रासदी से प्रभावित हुए शोकाकुल परिवारों के प्रति अपना गहरा दुख व्यक्त किया एवं यात्रियों का एक प्रतिनिधि मंडल शोकाकुल परिवारों के पास अपनी संवेदना व्यक्त करने गया । उसके पश्चात यात्रा गया कुंड एवं का भ्रमण करते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंचे जहां भारी संख्या में बृजवासी साधु संत स्थानीय कामा वासी आदि ने यात्रियों का स्वागत किया एवं एसडीएम कार्यालय में सभा का आयोजन भी किया गया। सभा को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक गोपी गुर्जर ने कामां विधायक जाहिदा खान की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे भारतीय सनातन संस्कृति, ब्रजभूमि, ब्रज संस्कृति व ब्रज आध्यात्मिकता के विश्वव्यापी महत्वता को समझते हुए खनन माफिया का साथ देना बंद करें ब्रज के पर्वतों की विनाश लीला में सहयोग ना दें अन्यथा परिणाम प्रतिकूल हो सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा की की ब्रज के पर्वतों के खनन कारोबार संलिप्त दिखाई देती हैं खनन माफियों का अप्रत्यक्ष सहयोग करके हिंदू संस्कृति के प्रतीक ब्रज के इन दिव्य पर्वतों को छिन्न-भिन्न करने में अच्छा खासा योगदान दिया जा रहा है हैं। पूर्व विधायक ने जनविरोधी प्रयास को अविलंब बंद कर साधु संतों की पुकार को राजस्थान की सरकार तक पहुंचाने का आग्रह किया है ताकि कनकाचल व आदिबद्री पर हो रहा विनाशकारी खनन तत्काल बंद करवाया जा सके। वही कामा वासियों ने सभी यात्रियों के साथ मिलकर प्रण लिया कि वे सभी ब्रज के पहाड़ों की रक्षा की अंतिम लड़ाई में संपूर्ण रूप से आंदोलनकारियों के साथ हैं एवं हरसंभव प्रस्तुति से गुजरने के तैयार है। बड़ी संख्या में कामा वासियों ने क्रांति यात्रा में सम्मिलित होकर इस बात का संदेश दिया सभा को राष्ट्रीय यादव नेता महेंद्र सिंह यादव, पूर्व विधायक मोती लाल खरेरा, साध्वी दया, समाजसेवी विजय मिश्रा, पूर्व सरपंच सत्यप्रकाश यादव, मानमंदिर के सचिव सुनील सिंह, महंत शिवरामदास, कुलदीप बैसला आदि ने भी संबोधित किया । यात्रा में साधुसंतों व राजू शर्मा, अभिषेक, यतेंद्र गुलपाडिया, महावीर, विक्रम, निरंजन पंडित उपस्थित रहे ।