अवैध रूप से गुटका निर्माण लोगो के जीवन से खिलवाड़
लोक डाउन 3 के बाद सरकार ने गुटका से प्रतिबंध नही हटाया है गुटका से स्वास्थ्य और संक्रमण दोनों का खतरा बना रहता है और इसका सेवन करने वाला व्यक्ति लगातार थूकता नजर आता है जिससे संक्रमण का खतरा बना रहता है
लॉक डाउन 3 में भी गुटखा और पान मसाला की बिक्री पर सख्त पाबंदी है, लेकिन अब भी ग्रामीण क्षेत्रों में गुटका खूब धड़ल्ले से बिक रहा है। विभिन्न ब्रांड नामों से गुटखा बनाने वाली फैक्ट्रियां बंद हैं। वहां किसी भी प्रकार का कोई निर्माण नही हो रहा है लेकिन अवैध रूप से चोरी-छिपे लोग अपने घरों में गुटका बनाकर बेच रहे हैं। उनका ध्येय केवल रुपये कमाना है NEB थाना पुलिस ने गुटखा बनाने वालों पर अलवर में कार्रवाई भी की है
कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए देशभर में लॉक डाउन चल रहा है। गुटखा और पान मसाला की बिक्री पर भी पूर्णतया पाबंदी है। लेकिन गुटके का अवैध निर्माण करने वालों की खूब चांदी हो रही है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में लोक डाउन में जुड़े कुछ लोगों ने इसका फायदा उठाते हुए गुटखे का अवैध कारोबार शुरू कर दिया है। सरकार की रोक के बावजूद लॉक डाउन में ग्रामीण क्षेत्रो में गुटखा खूब बिक रहा है।
लॉक डाउन से पहले गुटखे की जो पुडिय़ां 10 रुपए में बिक रही थी। वो अब ग्रामीण क्षेत्रों में 30 रु से 40 रु में मिल रही है। महंगे दामों में गुटका खरीदने के लिए भी ग्राहक इधर-उधर से जुगाड़ लगा रहे हैं या फिर गुटखा बेचने वालों से सम्बन्धो की दुहाई देते नजर आ रहे हैं।
लोक डाउन 3 के बाद सरकार ने गुटका से प्रतिबंध नही हटाया है गुटका से स्वास्थ्य और संक्रमण दोनों का खतरा बना रहता है और इसका सेवन करने वाला व्यक्ति लगातार थूकता नजर आता है
लॉक डाउन 3 भी बिना ब्रांड नाम वाला गुटका कागज की पुडिय़ां या पन्नी की पैकिंग में बिक रहा है। अवैध कारोबारी इस गुटखे मे क्या -क्या किस मात्रा में डाल रहे है इस बारे में किसी को कोई जानकारी प्राप्त नही है यह जरूर है ग्रमीण क्षेत्रो में गुटका सेवन करने वाले लोगो ने मुहँ के अंदर गाल कटने की बात सामने आई है ऐसे में हानिकारक कैमिकल ज्यादा मात्रा में मिलाने पर गुटखा खाने वालों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है।