रामगढ क्षेत्र के अलावडा में एक तरफ वायरल और डेंगू जैसी बिमारियों का बढ़ रहा प्रकोप वंही दूसरी ओर सीएचसी पर ओपीडी समय के बाद लगा रहता है ताला
रामगढ /अलवर /राधेश्याम गेरा
विधायक साफिया जुबेर की अनशंषा पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा के दौरान अलावड़ा पीएचसी को सीएससी में क्रमोन्नत करने की घोषणा की थी और पिछले कुछ महीनों में सीएचसी पर स्टाफ व अन्य सुविधाओं का भी इजाफा किया गया लेकिन सीएससी के अनुसार डॉक्टरों की पोस्टिंग नहीं होने से केवल एक ही डॉक्टर पोस्टिंग के कारण अलावड़ा सीएचसी पर ओपीडी समय के बाद ताला लगा रहता है जिससे इमरजेंसी के मरीजों को नीम हकीमों के पास और रामगढ़ अलवर उपचार के लिए जाना पड़ता है अभी तक की अच्छी पर डिलीवरी भी नहीं होती हैं। और ना ही जच्चा बच्चा की देखभाल के लिए प्रयाप्त स्टाफ है।
विधायक साफिया जुबेर द्वारा पिछले महीने अलावड़ा सीएससी के लिए विधायक कोटे से एंबुलेंस भी उपलब्ध करा दी गई लेकिन एंबुलेंस का ड्राइवर नहीं होने के कारण एंबुलेंस का आज तक भी उपयोग नहीं हो सका है।सीएससी पर ओपीडी समय के बाद ताला लगे रहने के बारे में सरपंच जुम्मा खान द्वारा विधायक साफिया जुबेर को गत माह एंबुलेंस उद्घाटन अवसर पर लिखित रूप से अवगत कराया और ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी अमित राठौर को भी अवगत कराया जा चुका है उसके बावजूद भी आज तक भी समस्या का समाधान नहीं होने से अलावड़ा में आसपास के मरीजों को नीम हकीमों के पास और रामगढ़ अलवर भटकना पड़ता है।
आज शाम 16 अक्तूबर को 4:00 बजे अलवर टीवी रिपोर्टर राधेश्याम गेरा अलावड़ा सीएचसी पर गए तो वहां ताला लगा मिला।
सीएचसी अलावड़ा में पीछे बने रेजिडेंसल क्वार्टर पर जाकर देखा तो वहां पर मेल नर्स विपिन और डॉक्टर सुनील मौजूद मिले।
डॉक्टर सुनील ने बताया कि मुझे अलावड़ा आए अभी 15 दिन ही हुए हैं और जो यहां डॉक्टर लगाया हुआ था भानु प्रताप बंसल उसकी ड्यूटी विभाग ने सरकारी अस्पताल अलवर में लगा दी है।अकेला डाक्टर चौबिसस घंटे तो नही जाग सकता बाकी मैं मरीजों को अवगत करा रहा हूं की मैं यंही रह रहा हूं यदि कोई मरीज इमरजेंसी में आएगा तो मैं उपचार के लिए उपलब्ध रंहूगा। यदि यंहा उपचार संभव ना हुआ तो प्राथमिक उपचार के बाद आगे रैफर कर दूंगा।