लक्ष्मणगढ़ कस्बे में एक वृद्धजन ने साधन के इंतजार में दम तोड़ा
जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों
लक्ष्मणगढ़ (अलवर, राजस्थान/ गिर्राज सोलंकी) लक्ष्मणगढ़ कस्बे के मालाखेड़ा रोड स्थित बंद की पाल पर एक चाय के खोखे पर देर रात्रि वृद्ध ने दम तोड़ा मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक वृद्ध के शव को दिवली वासी ग्रामीण सतीश सिंह को किया सुपुर्द
प्राप्त जानकारी के अनुसार गत दोपहर 2:00 बजे से एक वृद्ध व्यक्ति जिसकी उम्र लगभग 75 वर्ष होगी व्यक्ति लक्ष्मणगढ़ कस्बे के मालाखेड़ा रोड स्थित ताराचंद मीणा के चाय के खोके पर बैठ गया था । साधन की इंतजार में बाट जोहता रहा साधन ना मिलने पर इंतजार करते-करते संध्या वंदन होने लगी। जिस पर आने जाने वाले राहगीरों ने पूछा बाबा कैसे बैठा है ।बोले बेटा साधन की इंतजार में हूं और साधन आएगा तो ठीक है ।नहीं तो मैं खाट पर सोता हूं वहां एक चार पाई थी जिस पर वह लेट गया। किसी महानुभाव ने पानी की बोतल ला कर दी किसी ने खाने के लिए पूछा था। खाना भी नहीं खाया और प्रातः काल 3:00 बजे पड़ोस में रह रहे रूदार मेव ने जाकर चारपाई के समीप देखा और वृद्ध से आवाज देकर बोला तो वृद्ध ना हिला ना बोला इस पर उन्होंने मोबाइल की टॉर्च जला कर देखा तो वृद्ध दम तोड़ चुका था जिस पर पुलिस को इकला दी गई मौके पर लक्ष्मणगढ़ थाने पुलिस से विजय मीणा हेड कांस्टेबल, समुंदर सिंह मौके पर पहुंचे जहां पूछताछ करने पर पता चला की छज्जू सिंह तंवर नाम है। गांवड़ी गांव (पाटन) का रहने वाला है। और वृद्ध के परिवार में बचपन में ही इनके माता-पिता का देहांत हो गया। यह दो भाई थे। दोनों भाइयों की जमीन जाजात काका ताऊओ ने छीन ली और आए दिन इनके साथ झगड़ा फसाद करते रहते थे। जिसके चलते इन्हें वहां से निकलना पड़ा। और अब इनके परिवार जन काका ताऊ झांकड़ा गांव के अंदर रहते हैं। ये वृद्ध दो भाइयों मैं से किसी की शादी भी होना नहीं बताया गया है। जिसके चलते यह बेचारे कभी किसी गांव में कभी किसी गांव में अपना जीवन यापन करते थे। सीधे सज्जन होने के वजह से इन्हें हर व्यक्ति शरण और सहारा देता था। दिवली गांव में सतीश सिंह नाम के व्यक्ति के पास गत तीन-चार वर्षों से रह रहा था। जिसके चलते अब यह सारंगपुरी से दिवाली की ओर ही जा रहा था साधन ना मिलने पर रात्रि कालीन अचानक दम तोड़ दिया वैसे बताते हैं श्वास दमा की वृद्ध को शिकायत थी इनके परिवार जन को फोन से सोचना दी गई पर आने से शव को लेने से मना कर दिया तभी दिवली निवासी सतीश सिंह ने एक टेंपो लेकर के वृद्ध के शव को अपने गांव दिवली लेकर उसका दाह संस्कार किया इस पर कहावत याद आती है जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों आज सतीश सिंह इस वृद्धि के लिए तो भगवान के रूप में आए हैं ।और इसका दहा संस्कार किया है।