नंदगांव में कृष्णजनोत्सव पर ब्रजवासियों की विशाल पंचायत में नंदगांव के गोस्वामीयों ने दोनों पर्वतों को खनन मुक्त कराने के लिए भरी हुंकार
देश भर के सैकड़ों प्रसिद्ध संतों ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज कर दोनों पर्वतों के अविलंब संरक्षण की अपील
ड़ीग (भरतपुर,राजस्थान/ पदम जैन) कनकाचल व आदिबद्री पर्वत को खनन मुक्त कराने के लिए जारी धरने के 229 वे दिन बुधवार को ड़ीग के गाव पसोपा में धरना स्थल पर भगवान सिंह कृष्ण चैतन्य बाबा ,ब्रजकिशोर बाबा, राधेश्याम और अभिषेक पंडित क्रमिक अनशन पर बैठे। आंदोलन को धार देने की रणनीति के तहत आयोजित की जा रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन सैकड़ों ग्राम वासियों ने उपस्थित होकर भागवत कथा में भगवान आदिबद्रीनाथ के समक्ष इस आंदोलन के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने की शपथ ली। साध्वी गौरी ने दूसरे दिन की कथा प्रारम्भ करते हुए उपस्थित जनसमुदाय को कहा कि भागवत की कथा अपने आप में एक बड़ा आंदोलन है। जो मनुष्य के जीवन को एक पवित्र लक्ष्य प्रदान करती है। और वह लक्ष्य है मानव मात्र व प्रकृति की निष्काम सेवा इसलिए हम सब का कर्तव्य है यह ब्रजभूमि, यह ब्रज की प्रकृति जिसने हमें इतना सब कुछ दिया है उसके लिए हम निष्काम भाव से अपना सर्वस्व न्योछावर कर दें। कथा के बीच प्रवचन करते हुए साध्वी प्रतीक्षा ने कहा कि आज अगर हमारे द्वारा ब्रज के इन दिव्य पर्वतों और ब्रज की संस्कृति का संरक्षण नहीं हो पाता है तो हम आने वाली पीढ़ी को क्या मुंह दिखाएंगे ।यह हमारे द्वारा उनके लिए किया गया यह सबसे बड़ा अपराध होगा।बुधवार को पसोपा धरना स्थल पर आंदोलनकारियों द्वारा भारतवर्ष के सैकड़ों प्रसिद्ध साधु संतों द्वारा मुख्यमंत्री के नाम हस्ताक्षरित सामूहिक ज्ञापन को आम लोगो के समक्ष रखा। जिसमें भारतवर्ष के सभी बड़ी संतो ने राजस्थान के मुख्यमंत्री से अपील की है कि वह अविलंब ब्रजभूमि के परम आराध्य दोनों पर्वतों को खनन मुक्त कर संरक्षित करें। बुधवार नंदगांव में कृष्णजन्मोत्सव के उपलक्ष में आयोजित विशाल ब्रजवासियों की पंचायत में ब्रज के पर्वत कनकाचल व आदिबद्री को खनन मुक्त कराने का मुद्दा छाया रहा । पंचायत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि दोनों पर्वत ब्रज के गौरव हैं व इनके रक्षण के लिए हर ब्रजवासी संकल्पित है । साथ ही पंचायत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री से दोनों पर्वतों को तुरंत संरक्षित करने की बात कही। इस अवसर पर ब्रज के विरक्त संत रमेश बाबा महाराज ने नंदगांव में बधाई के दौरान कहा कि कृष्णजन्म की सच्ची बधाई यही है कि ब्रज की पौराणिक संपदा व संस्कृति का समुचित रक्षण हो और साथ ही हम सब मिलकर ब्रज की प्रकृति का संवर्धन करें। इस अवसर पर नंदगांव के सुशील गोस्वामी, रमेश चंद्र गोस्वामी, मोहन गोस्वामी आदि ने विशाल पंचायत में उपस्थित जनसमूह को दोनों पर्वतों के रक्षण के लिए हर संघर्ष में तत्पर रहने की प्रतिज्ञा दिलवाई। बुधवार को कथा में आदिबद्री के महंत शिव राम दास, मान मंदिर के वरिष्ठ संत नरसिंह दास, कार्यकारी अध्यक्ष राधा कांत शास्त्री, महासचिव ब्रजदास, जड़खोर के भूरा बाबा, साध्वी तुंगविद्या, साध्वी मधुबनी आदि उपस्थित रहे।