सांसद व क्षेत्रीय विधायक के द्वारा सामुदायिक चिकित्सालय का किया निरीक्षण डॉक्टर नदारद एक भी मरीज नहीं था भर्ती
लक्ष्मणगढ़ (अलवर, राजस्थान/ गिर्राज सौलंकी) देश प्रदेश में चल रही महामारी की आपदा को लेकर क्षेत्रीय विधायक जौहरी लाल मीणा क्षेत्रीय सांसद बाबा बालक नाथ ने आज लक्ष्मणगढ़ उपखंड मुख्यालय पर स्थित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक के बाद एक निरीक्षण किया, निरीक्षण के दौरान अस्पताल परिसर में भर्ती वार्ड के गेट ही बंद थे ना कोई मरीज भर्ती था ,ना कोई नर्सिंग कर्मचारी वार्ड में उपस्थित था। निरीक्षण के दौरान डॉक्टर वह भी नदारद मिले अस्पताल परिसर की बीमारी हालत देख कर के जनप्रतिनिधि दंग रह गए । गंदगी टाइलों पड़ी हुई हैं तो कहीं वास वेशन टूटे हुए हैं तो कहीं दीवारें खराब हुई पड़ी है। कहीं गेट नहीं तो कहीं छतो से पानी टपक रहा है, इस तरह अस्पताल की बीमारी हालत देख क्षेत्रीय विधायक के निरीक्षण के दौरान चिकित्सा प्रभारी का नही होना क्षेत्रीय विधायक को अखर गया।
जबकि विधायक द्वारा पूर्व सूचना दे दी गई थी। जिसकी पत्र-पत्रिकाओं में चैनलों पर खबर भी प्रकाशित की गई थी। जिसके पश्चात भी डॉक्टर निरीक्षण के दौरान उपस्थित नहीं मिले। बाद में विधायक के निरीक्षण के पश्चात डॉक्टर को फोन करके बुलाया गया जिस पर डॉक्टर ओपी मीणा चिकित्सा प्रभारी आए और क्षेत्रीय विधायक जोहरी लाल मीणा ने उपस्थित ना होने की बात कहते हुए बात की तो बताया आप मेरा स्थानांतरण कहीं भी कर दो इस तरह क्षेत्रीय विधायक के समक्ष अपनी बात कहते हुए चिकित्सा प्रभारी अस्पताल परिसर के मेन गेट से बाहर तक आ गए। क्षेत्रीय विधायक का कहना था । चिकित्सालय में 26 का स्टाफ है जिसमें से मात्र तीन ही उपस्थित मिले, इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। मैंने अभी मौके से ही जिला चिकित्सा अधिकारी को अवगत करा दिया है। पर इससे पहले भी जिला कलेक्टर के द्वारा निरीक्षण के दौरान यहां से भर्ती वार्ड में एक भी मरीज का ना मिलना, आज डॉक्टरों का ना मिलना हॉस्पिटल किसके भरोसे मरीज आए। अगर कोई भूला भटका मरीज आजाता है तो उसे अलवर रैफर कर दिया जाता है। उपखंड मुख्यालय का सबसे बड़ा हॉस्पिटल जिसके अंदर 213 गांवों कि बीमार जनता अपनी आशा और उम्मीद लगाए बैठे हो ।देश प्रदेश आपदा से जूझ रहा है और हॉस्पिटलों में चिकित्सक का नहीं मिलना अपना तानाशाही रवैया अपना रहा है।
क्षेत्रीय विधायक के पश्चात ही क्षेत्रीय सांसद महंत बालक नाथ लक्ष्मणगढ़ कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ही निरीक्षण करने पहुंचे तब अस्पताल की बीमारी हालत को देखकर के दंग रह गए जगह-जगह पानी टपकता देखकर क्षेत्रीय सांसद ने अपने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि सभी हॉस्पिटल परिसर की साफ सफाई करें निरीक्षण के दौरान क्षेत्रीय सांसद से डिजिटल x-ray मशीन की मांग की गई।अभी फिलहालआश्वासन सांसद के द्वारा दिया गया ।इधर सांसद अपने केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाने में और राज्य सरकार की लापरवाही का बखान कर रहे थे। आरोप-प्रत्यारोप की ही बात करते नजर आए उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने 60 वर्षों में जितने हॉस्पिटल नहीं खोले होंगे उतने हमने 7 वर्षों में ही खोल दिए हमारी सरकार हर जिले के अंदर मेडिकल कॉलेज खुलेगी और अलवर जिले में भी मेडिकल कॉलेज खोलना प्रस्तावित है जिसका केंद्र सरकार से बजट भी आ चुका है पर राज सरकार ने अभी तक भूमि पूजन तक भी नहीं कराया राज्य सरकार ने समावेश नहीं बना रखा है किसी डॉक्टर को कहां तो किसी को कहां लगा रखा है जिसके चलते ही प्रदेश के चिकित्सा व्यवस्था गड़बड़ाई है। इधर जब मीडिया ने ऑक्सीजन प्लांट की बात कही कि लक्ष्मणगढ़ कस्बे में भी ऑक्सीजन प्लांट होना चाहिए आपके बजट के द्वारा क्योंकि आपने बड़ोद के अंदर ऑक्सीजन प्लांट की घोषणा की है तो लक्ष्मणगढ़ में भी क्यों नहीं तो सांसद ने कहा कि लक्ष्मणगढ़ को ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं है ,जबकि क्षेत्र में कितनी कोरोना से मौतें हो चुकी हैं ।जब क्षेत्र में कोरोना का कोई असर नहीं तो यह मौत किस कारण से हो रही हैं जवाब दें क्षेत्रीय सांसद। इधर चिकित्सा प्रभारी के द्वारा आज चिकित्सा सुविधाओं के लिए अपने मांग पत्र पर एंबुलेंस, ऑक्सीजन सिलेंडर, आईसीयू बेड, पल्स ऑक्सीमीटर, डिजिटल x-ray मशीन, सोनोग्राफी मशीन, ईसीजी मशीन, 12 चैनल सीबीसी मशीन, फोम गद्दे बेडशीट, ऑक्सीजन रेगुलेटर, मोर्चरी भवन, जनरेटर बैटरी, सहित यह मांग की गई जिनका टोटल 32 लाख ₹82000 का होना बताया गया है अब देखना यह है इन जनप्रतिनिधियों के द्वारा हॉस्पिटल को क्या सुविधाएं मुहैया करा पाते हैं। हाल ही में जिला कलेक्टर क्षेत्रीय विधायक क्षेत्रीय सांसद तीनों के निरीक्षण के पश्चात भी अस्पताल परिसर में कोई बदलाव नहीं आया है फिर क्या फायदा ऐसे निरीक्षण से हॉस्पिटलों में ना चिकित्सक ना मरीज नाही व्यवस्था सही । स्थानीय हॉस्पिटल में कार्यरत प्रभारी चिकित्सक के खिलाफ लोगों ने कार्यवाही की मांग की है ताकि हॉस्पिटल की व्यवस्था में सुधार हो।