युवाओं के लोकप्रिय नेता राजीव गांधी का कांग्रेस कार्यालय पर बलिदान दिवस मनाया

May 22, 2021 - 04:00
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युवाओं के लोकप्रिय नेता राजीव गांधी का  कांग्रेस कार्यालय पर बलिदान दिवस मनाया

लक्ष्मणगढ़ (अलवर, राजस्थान/ गिर्राज सौलंकी) लक्ष्मणगढ़ ब्लॉक कांग्रेस कमेटी द्वारा 21 मई को ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कार्यालय पर भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री भारत में दूरसंचार क्रांति के जनक स्वर्गीय राजीव गांधी जी के  बलिदान दिवस पर राजीव गांधी जी के छाया चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें सादर श्रद्धांजलि अर्पित की गई ब्लॉक कांग्रेस कमेटी  अध्यक्ष भगवान विजय जिला कांग्रेस कमेटी सचिव वीरेंद्र कोठारी के नेतृत्व में भगत सिंह सर्किल पर मास्क  वितरण किए गए  इस मौके पर  वीरेंद्र कोठारी भगवान सहाय विजय ब्रज लाल मीणा राज तिवारी विनोद जाटव मोहन महावल राज सोलंकी सोनू जैन सुनील जाटव प्रकाश प्रजापत नीरज महावल लक्ष्मण सोनी आदि कार्यकर्ताओं द्वारा कोविड-19 में लागू नियमों का अनुसरण करते हुए पुष्पांजलि अर्पित की गई जिला कांग्रेस कमेटी सचिव वीरेंद्र कोठारी ने स्वर्गीय राजीव गांधी के जीवनी पर विस्तार से सभी कांग्रेसियों को अवगत कराया उन्होंने बताया कि
 कुछ लोग ज़मीन पर राज करते हैं और कु्छ लोग दिलों पर। राजीव गांधी एक ऐसे इंसान थे।  जिन्होंने ज़मीन पर ही नहीं, बल्कि लोगों के दिलों पर भी राज्य किया। वे भले ही आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन हमारे दिलों में आज भी ज़िंदा हैं। राजीव गांधी ने उन्नीसवीं सदी में इक्कीसवीं सदी के भारत का सपना देखा था। 
स्वभाव से गंभीर लेकिन आधुनिक सोच और निर्णय लेने की अद्भुत क्षमता वाले राजीव गांधी देश को दुनिया की उच्च तकनीकों से पूर्ण करना चाहते थे। वे बार-बार कहते थे कि भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने के साथ ही उनका अन्य बड़ा मक़सद इक्कीसवीं सदी के भारत का निर्माण है। अपने  सपने को साकार करने के लिए उन्होंने देश में कई क्षेत्रों में नई पहल की, जिनमें संचार क्रांति और कम्प्यूटर क्रांति, शिक्षा का प्रसार, 18 साल के युवाओं को मताधिकार, पंचायती राज आदि शामिल हैं।  
वे देश की कम्प्यूटर क्रांति के जनक के रूप में भी जाने जाते हैं। वे युवाओं के लोकप्रिय नेता थे। उनका भाषण सुनने के लिए लोग घंटों इंतज़ार किया करते थे। उन्होंने अपने प्रधानमंत्री काल में कई ऐसे महत्वपूर्ण फ़ैसले लिए जिसका असर देश के विकास में देखने को मिल रहा है। आज हर हाथ में दिखने वाला मोबाइल उन्हीं की सोच का  नतीजा है। 
40 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले राजीव गांधी देश के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थेl और दुनिया के उन युवा राजनेताओं में से एक हैंl जिन्होंने सरकार की अगुवाई की है। उनको बड़ा जनादेश हासिल हुआ था। अपनी मां के क़त्ल के बाद 31 अक्टूबर 1984 को वे कांग्रेस अध्यक्ष और देश के प्रधानमंत्री बने थे।
राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त, 1944 को मुंबई में हुआ था। वे सिर्फ़ तीन साल के थे। जब देश आज़ाद हुआ और उनके नाना आज़ाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने।  उनके पिता फ़िरोज़ गांधी सांसद बने, जिन्होंने एक निडर तथा मेहनती सांसद के रूप में ख्याति अर्जित की।
राजीव गांधी ने अपना बचपन अपने नाना के साथ तीन मूर्ति हाउस में बिताया, जहां इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री की परिचारिका के रूप में काम किया। । उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
हालांकि संगीत में उनकी बहुत दिलचस्पी थी। उन्हें हवाई उड़ान उनका सबसे बड़ा जुनून था। इंग्लैंड से घर लौटने के बाद उन्होंने दिल्ली फ़्लाइंग क्लब की प्रवेश परीक्षा पास की और व्यावसायिक पायलट का लाइसेंस हासिल किया। इसके बाद वे 1968 में घरेलू राष्ट्रीय जहाज़ कंपनी इंडियन एयरलाइंस के पायलट बन गए।
कैम्ब्रिज में उनकी मुलाक़ात इतालवी सोनिया मैनो से हुई थी। जो उस वक़्त वहां अंग्रेज़ी की पढ़ाई कर रही थीं। उन्होंने 1968 में नई दिल्ली में शादी कर ली। वे अपने दोनों बच्चों राहुल और प्रियंका के साथ नई दिल्ली में इंदिरा गांधी के निवास पर रहे।  23 जून 1980 को एक जहाज़ हादसे में उनके भाई संजय गांधी की मौत ने सारे हालात बदलकर रख दिए। उन पर सियासत में आकर अपनी मां की मदद करने का दबाव बन गया। फिर कई अंदरुनी और बाहरी चुनौतियां भी सामने आईं। पहले उन्होंने इन सबका काफ़ी विरोध किया, लेकिन बाद में उन्हें अपनी मां की बात माननी पड़ी और इस तरह वे न चाहते हुए भी राजनीति में आ गए। 
उन्होंने जून 1981 में अपने भाई की मौत की वजह से ख़ाली हुए उत्तरप्रदेश के अमेठी लोकसभा क्षेत्र का उपचुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई। 
साल 1989 में उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया, लेकिन वे कांग्रेस के नेता पद पर बने रहे। वे आगामी आम चुनाव के प्रचार के लिए 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेराम्बदूर गए, जहां एक आत्मघाती हमले में उनकी मौत हो गई। 
राजीव गांधी की देशसेवा को राष्ट्र ने उनके दुनिया से विदा होने के बाद स्वीकार करते हुए उन्हें भारतरत्न से सम्मानित किया जिसे श्रीमती सोनिया गांधी ने 6 जुलाई 1991 को अपने पति की ओर से ग्रहण किया।
आज़ाद भारत स्व. राजीव के महत्वपूर्ण योगदान के लिए हमेशा उनका ऋणी रहेगा। स्व. राजीव गांधी की जयंती 'सद्भावना दिवस' और 'अक्षय ऊर्जा दिवस' के तौर पर हम लोग मनाते हैं । जबकि पुण्यतिथि 21 मई को 'बलिदान दिवस' के रूप में आप सब के द्वारा आज मनाई गई है।

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