मानसिक रूप से स्वस्थ रहना जरूरी: डॉ.नौरीन चौधरी
मकराना (नागौर, राजस्थान/ मोहम्मद शहजाद) मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान के तहत मकराना में एसएमएस हॉस्पिटल जयपुर में कार्यरत मनोविज्ञान में गोल्ड मेडलिस्ट मनोचिकित्सक डॉ. नोरीन चौधरी द्वारा सेमिनार आयोजित कर आमजन को जागरूक किया जाएगा। गुरुवार को डॉ. नौरीन ने मकराना आगमन पर बताया कि मानसिक रोग, तनाव इत्यादि के बारे में जानकारी और उपाय बताकर आमजन को सेमिनार आयोजित कर जानकारी दी जाएगी। बिना किसी कारण के डर महसूस करना, झुंझलाहट का कारण बन सकता है, लेकिन इसको विशिष्ट फोबिया नहीं माना जाता जब तक यह आपके जीवन को गंभीर रूप से संकटमय ना कर दे।
यदि चिंता काम, स्कूल या सामाजिक परिस्थितियों के कार्य करने को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है, तो ऐसे में डॉक्टर की सलाह आवश्यक है। बचपन के डर में अंधेरा, भूत या राक्षस, अकेला छोड़ा जाना आदि सामान्य हैं, ज्यादातर बच्चे उम्र के साथ ठीक हो जाते हैं। लेकिन अगर बड़ा होने के बाद भी आपके बच्चे को अत्याधिक डर महसूस हो रहा है, जो घर के काम या स्कूल आदि के कार्यों में बाधा उत्पन्न करता है, तो बच्चे को डॉक्टर से दिखाएं। उन्होंने बताया कि मानसिक रोग अनेक प्रकार के होते हैं तथा कोई भी इंसान मनोरोग से ग्रस्त हो सकता हैं।
जागरूकता व जानकारी के अभाव में मनोरोग को पागलपन से जोड़कर देखा जाता हैं। जबकि यह एक बीमारी हैं जिसका इलाज सम्भव हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के दौरान कई लोगों ने मानसिक रूप से तनावग्रस्त समय व्यतीत किया हैं। ऐसे में भारत सरकार द्वारा मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान शुरू किया गया हैं। जिसके माध्यम से आमजन को मनोरोग के प्रति जागरूक किया जा सकें। उन्होंने बताया कि अभियान के तीन चरण हैं। जिसमें पहले चरण में जानकारी देकर जागरूक करना, दूसरे चरण में मनोरोग से ग्रस्त लोगों की पहचान करना व तीसरे चरण में रोगी का इलाज करना हैं।
उन्होंने बताया कि मनोरोग कई प्रकार के होते हैं, जैसे इंसान को शरीर में कोई तखलिफ महसूस होती हैं लेकिन जांच कराने पर कोई भी बीमारी नहीं मिलती। यह मनोरोग का एक प्रकार हैं ऐसे में कई लोग झाड़फूंक आदि का सहारा भी लेते हैं। जिससे उनको मन की शांति मिलती हैं और वो ठीक भी हो जाते हैं। मनोचिकित्सा के माध्यम से भी बिना दवाई दिए इलाज किया जा सकता हैं। उन्होंने बताया कि कई घटनाओं में मस्तिष्क में कोई बात या डर बैठ जाता हैं और लोग उससे उभर नहीं पाते हैं। ऐसे ज्यादातर मामले महिलाओं में देखने को मिलते हैं जो ज्यादा तनाव झेलती हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते स्कूल लगभग दो वर्षों से बंद हैं अब स्कूल खुलने वाले हैं जिसमें बच्चों को वापस जाने में कई परेशानियां भी होंगी।
जिसके लिए स्कूलों में सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। ताकि बच्चों को मानसिक तनाव से दूर रखा जा सके। उन्होंने बताया कि परिवार के साथ अच्छा समय बिताने से मानसिक रूप से स्वस्थ रहा जा सकता हैं और इंसान की आयु भी बढ़ती हैं। मकराना में जागरूकता अभियान चौधरी सर्विस स्टेशन पेट्रोल पंप के सहयोग से किया जा रहा हैं। इस दौरान मकराना विकास समिति के अध्यक्ष नितेश जैन, बैंक ऑफ बड़ोदा के मैनेजर हरि मोहन जांगीड़, अमित अग्रवाल, सजाउदीन उर्फ लाडुजी गैसावत ने भी अपने सुझाव दिए। इस मौके पर रियाजुर्रह्मान चौधरी, एके भाटी, अब्दुल रहीम, अब्दुल खालिद, फरीन रांदड़ सहित अन्य मौजूद थे।