ज्वार बाजरा तिली की फसलो की कटाई में अभी तक जुटे है किसान, कम पैदावार से मायूस किसान
बयाना भरतपुर
बयाना,10 अक्टूबर। अन्नदाता अपने परिवार सहित अभी तक अपने खेतो में खडी खरीफ की फसलो की कटाई में जुटा है। कटाई का अन्तिम समय होने व रबी की फसल की बुबाई की तैयारी के चलते अब किसानो ने अन्तिम समय में अपने खेतो में खडी ज्वार बाजरा,तिली,ग्वार व चरी आदि की फसलो की कटाई का काम तेज कर दिया है। कटाई का काम बढने के साथ ही मजदूरो की मांग भी बढ गई है। जिन्होने अवसर का लाभ उठाते हुऐ अब मजदूरी की दरे भी बढा दी है। कृषि अधिकारी सुरेश गुप्ता ने बताया कि खेतो में खरीफ की फसल के रूप जून में मानसून शुरू होने के बाद ज्वार,बाजरा व तिली एवं ग्वार आदि की फसलो की बुबाई की जाती है। इनमें से अब बाजरे व चरी की कटाई 15 सितम्बर से 15 अक्टूबर तक व इसके बाद ज्वार, ग्वार एवं तिली आदि की कटाई शुरू हो जाती है। कृषक लक्ष्मनसिहं व गोविन्दा ने बताया कि इस बार मानसून जैसे आरम्भ व मध्यम में काफी अच्छा रहा था अगर ऐसा ही मानसून अन्त समय में भी रहता और एक दो बारिश और हो जाती तो खरीफ की फसल की यही पैदाबार काफी अच्छी होती तथा इसमें लगा कीट रोग भी धूलकर नष्ट हो जाता। लेकिन अंत समय में इन्द्रदेव की टेडी नजर के चलते बरसात के अभाव में किसानो के सपनो पर पानी फिर गया। जिससे पैदाबार काफी कम हो सकी है। कृषक अतरसिहं ने बताया कि इस बार शुरूआत में टिटडी दल के प्रकोप व बाद में लट व गिनार व सफेद रोली आदि बीमारियां लग जाने से ज्वार, बाजरे व तिली की फसल में काफी नुकसान हुआ है। पैदाबार का औसत न्यूनतम रहा है। कृषक मोहनसिहं ने बताया कि इस बार बाजरा की फसल की पैदावार दस से बारह मन प्रतिबीघा व तिली की काफी कम रही है। उपर से बाजरे व ज्वार की फसल से निकलने वाला सूखा पशुचारा भी खराब हो गया है। जिससे किसान मायूस है। उसे अब आर्थिक संकट के साथ ही अपने परिवार के पालन पोषण व पालतू जानवरो के लिऐ चारे की व्यवस्था की चिंता सताने लगी है। उन्होने बताया कि अगर इस बार मानसून के अंत में एक दो बारिश हो जाती तो बम्पर पैदावार होती। खरीफ की फसल की कटाई के साथ ही अब किसान खेतो में रबि की फसल की जुताई वुबाई की तैयारियो में जुट गऐ है। ज्वार बाजरे की अगेति फसल के खेत खाली हो चुके है वहीं पिछेती फसल व तिली ज्वार की फसलो की अभी कटाई शुरू हो सकी है।
बयाना से राजीव झालानी की रिपोर्ट,,,,,