ब्रज के पर्वतों पर खनन के विरोध में 7 दिन से बन्द कैथवाड़ा - डीग मार्ग
पत्थर ले जा रहे वाहनों के खिलाफ, पसोपा में धरना लगातार 25 वे दिन जारी
ड़ीग (भरतपुर,राजस्थान/ पदम जैन) आदिबद्री क्षेत्र में हो रहे विनाशकारी खनन के विरोध में गॉव पसोपा में 16 जनवरी से चल रहे अनिश्चतकालीन धरने के 25वे दिन मंगलवार को धरना स्थल पर उपस्थित साधू संतों व आस पास के गांवों के सैकडों ग्रामीणों ने लगातार 7वे दिन भी कैथवाडा- डीग मार्ग से पत्थरों के वाहनों को नहीं निकलने दिया । वहीं धरना स्थल पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों व साधु संतों ने आन्दोलन को धार देने के लिए अहम बैठक की । जिसमें उपस्थित मानमंदिर के अध्यक्ष राधाकांत शास्त्री ने कहा कि भरतपुर जिलाधिकारी के विश्वास दिलाने पर कि आपकी मांगो पर कार्यवाही प्रारम्भ हो रही है, आंदोलन की उग्रता को धीमा किया गया है, लेकिन अगर प्रशासन ने उचित कार्यवाही करने में अधिक समय लगाया तो हमें विवश हो कर इस आंदोलन को व्यापक व उग्र करना पड़ेगा । उन्होंने बताया कि देश भर से लोग इस आंदोलन में आने को तैयार है परन्तु अभी तक हमने उन सबको आश्वस्त किया गया है कि राज्य सरकार ने शीघ्र कार्यवाही के लिए कहा है। पालका के पूर्व सरपंच सत्यप्रकाश यादव ने कहा कि अभी तक हमने इस आंदोलन को केवल आसपास के गावों तक ही सीमित रखा है परन्तु आवश्यकता पड़ने पर विशाल जनसैलाब इस आंदोलन में कूद सकता है सिर्फ सबके पास सूचना पहुंचने की ही देर है। पसोपा के सुल्तान सिंह ने बैठक में 12 फरवरी तक का समय प्रशासन को देने की बात कही व उसके बाद उन्होंने इस आंदोलन के तहत समूचे क्षेत्र में एक के बाद एक उग्र प्रदर्शन करने का एलान किया । जड़खोर के महंत भूरा बाबा ने कहा कि बैठक में यह भी तय हुआ है कि आगामी 13 फरवरी से पर्वतों की रक्षार्थ धरना स्थल पर ही एक विशाल भागवत कथा का आयोजन किया जावेगा, जिसमे 36 कौमों के हज़ारों लोग भाग लेंगे ।जो सभी ब्रज के पर्वतों व पर्यावरण की सुरक्षा का संकल्प ले कर इस आंदोलन में भाग लेंगे । बैठक में उपस्थित सभी ग्रामीणों व साधु संतों ने ब्रज के पर्वतों की अविलम्ब रक्षा के नारे लगाए तथा प्रदर्शन करते हुए कुछ समय के लिए डीग- कैथवाड़ा मार्ग को सम्पूर्ण रूप से जाम कर दिया । इस मौके पर मुख्य रूप से गोपाल दास, ब्रजकिशोर बाबा, कृष्ण चैतन्य बाबा पूरण, रतन किरोड़ी सुगड़ी, रामहँस, सूरजमल, गिरधर, मनीराम लाला, देवीराम आदि ने अपने विचार रखे ।