जीना मरना उसी के संग- परिजनों से परेशान होकर स्कूल के बस ड्राइवर के साथ नाबालिग हुई फरार
थानाप्रभारी पर बनाया सामाजिक दबाव, उम्मीद से पहले किया दस्तयाब
अलवर, राजस्थान/ राजीव श्रीवास्तव
तिजारा::- दरअसल स्कूल समय से ही स्कूल बस ड्राइवर से एक नाबालिग की मित्रता हो गई।नाबालिग और ड्राइवर की मित्रता के बीच मोबाइल ने मध्यस्थता कर दोनों को काफी नजदीक ला दिया। करीब डेढ़ साल तक दोनों वास्तविकता से काफी दूर रहकर मोबाइल से चुपड़ी चुपड़ी बातें कर एक दूसरे को प्रभावित करते रहे।आखिर परसो रात को दोनों दबे पांव गायब हो गए। हालांकि दोनों की प्रेम लीला की परिजनों को भनक भी थी लेकिन परिजनों को यह कतई उम्मीद नहीं थी कि उनकी लाडली उनकी सामाजिक नाक काटकर गायब हो जाएगी। परिजन माथे पर चिंता का बोझ लेकर तिजारा थानाप्रभारी जितेंद्र नावरिया से मिले और गायब अपनी नाबालिग बेटी को समाज में प्रतिष्ठा धूमिल होने से पहले ही खोजने का पुरजोर आग्रह किया। हालांकि थानाप्रभारी नावरिया ने रिपोर्ट दर्ज होने के साथ ही मोबाइल लोकेशन के आधार पर नाबालिग को खोजने के लिए टीम रवाना कर दी लेकिन परिजनों को महसूस हो रहा था कि पुलिस की कछुआ चाल उनके लिए आफत बन सकती है। असल में लोगों की मानसिकता बन गई है कि अस्पताल के वार्ड के दो कर्मचारी सिर्फ उन्हीं के मरीजों की बार बार देखभाल करते रहे बाकी मरीजों का वार्ड में भर्ती होने का कोई औचित्य ही नहीं है।इस मामले में भी नावरिया की टीम लगातार नाबालिग को खोजने का प्रयास कर रही थी लेकिन नाबालिग के परिजनों और अजीज परिचितों को लग रहा था कि पुलिस लेटलतीफी कर रही है।बेवजह समाज के नराज कद्दावर और प्रतिष्ठित लोग व्यक्तिगत मिलकर तो कुछ मोबाइल से इंस्पेक्टर नावरिया पर नाबालिग को जल्द खोजने के लिए दबाव बनाने लगे।दूसरी तरफ पुलिस टीम लगातार नाबालिग का पीछा कर रही थी।आखिर पुलिस टीम ने गुरुग्राम पहुंचने से पूर्व ही नाबालिग को दस्तयाब कर लिया।
नाबालिग ने परिजनों और पुलिस टीम के सामने दो टूक शब्दों में कहा, मेरे अभिभावकों का व्यवहार संतोषजनक नहीं है। इसीलिए वह नराज होकर घर से निकल गई थी।
रहा सवाल उस बॉय फ्रेंड का तो उसके साथ ही जीना- मरना है। आज नाबालिग हूं, छह माह बाद बालिग होने पर स्वेच्छा से प्रेम विवाह कर लूंगी ।अपनी लाडली बेटी की जुबान से यह दो टूक सुन परिजनों के चेहरे लटक गए और चेहरे पर परेशानी झलकने लगी।