कृषि बिल के विरोध में महामहिम राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को सौपा ज्ञापन
अलवर, राजस्थान
किशनगढ बास- कल जिस तरह राज्य सभा में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य ( संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 तथा कृषक (सशक्तिकरण ऐवं संरक्षण) क़ीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को ध्वनि मत से पारित किया गया वो भारत की संसदीय प्रणाली का परिचायक नहीं है क्यूँकि ऐसे महत्वपूर्ण अध्यादेश जो की भारत जैसे कृषि प्रधान देश जहां पर करोड़ों की संख्या में किसान रहते हैं उस देश की संसद में केंद्र सरकार के इशारे पर वोटिंग ना करा कर ध्वनि मत से इस अध्यादेश को पारित कराना अपने आप में इस देश की संसदीय कार्यप्रणाली पर ना केवल कुठाराघात है अपितु जनभावना के विपरीत जाकर इसको क़ानून बनाने की प्रक्रिया के हम सभी ख़िलाफ़ है क्यूँकि ये देश के किसानो के हितों के साथ खिलवाड़ होगा !!!
इस क़ानून से ना केवल केंद्र- राज्यों के बीच टकराव की सम्भावनाएँ पैदा होगी बल्कि किसानो के हितों के साथ व्यापक स्तर पर खिलवाड़ होगा क्यूँकि यह विधेयक जल्दबाज़ी का विधेयक है जिसके अंतर्गत किसी भी किसान नेता और मंडी व्यापारियों से बात किए बिना और उनको भरोसे में लिए बिना , सिर्फ़ चुनिंदा पूँजीपतियों का ध्यान रखते हुए इस विधेयक को पारित करके क़ानून बनाने की प्रक्रिया में केंद्र सरकार आगे बढ़ चुकी है जो की आने वाले समय में देश के किसान के लिए ये कदम आत्मघाती साबित होने वाला है !!!
सोशल डिस्टन्सिंग की पालना करते हुए न्यूनतम संख्या रखते हुए किशनगढ़ बास कांग्रेस प्रवक्ता श्री रहमत शाह आलवी जी , यूथ कांग्रेस पदाधिकारी श्री संजय गुर्जर जी, बलवान यादव जी , इमरान खान जी, दशरथ यादव जी एवं आदि कार्यकर्ता साथ रहे !!!!
- संवाददाता श्याम नूरनगर की रिपोर्ट