कन्या रत्न जन्मोत्सव से दे रहे कन्या भ्रूण हत्या को रोकने एवं सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का संदेश
मंथन ने बत्तीसवां कन्या रत्न जन्मोत्सव मनाया
बहरोड (अलवर,राजस्थान/ योगेश शर्मा) मंथन फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा शनिवार को राजकीय रेफरल अस्पताल बहरोड़ में बत्तीसवां कन्या रत्न जन्मोत्सव मनाया गया। जिसमें अस्पताल में जन्मी आठ कन्याओं को वस्त्र, खिलोने व मिठाई देकर स्वागत किया गया। मंथन सचिव डॉ0 सविता गोस्वामी ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में बेटियों के प्रति नकारात्मक रवैये में बदलाव लाना है साथ ही दहेज प्रथा, बेटियों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को खत्म करना है। साथ ही उन्होंने संदेश दिया कि बेटे और बेटी में कोई भेद नहीं है। बेटियों को भी बेटे के समान अच्छी शिक्षा देने की आवश्यकता है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सके। इस श्रृंखला में अब तक 143 कन्याओ का जन्मोत्सव मनाया जा चुका है।
वहीं संरक्षक वसंती यादव ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सतीश यादव एवं उनकी धर्म पत्नी श्रीमती सुरेश देवी ने शिरकत की जिन्होंने हाल ही में एक अनाथ बेटी को गोद लेकर मानवता की मिसाल कायम की। अपने वक्तव्य में सुरेश देवी ने बताया 24 वर्ष के अनवरत प्रयासों के बाद भी उनको बच्चे की प्राप्ति नहीं हुई। जिसके बाद उन्होंने एक बच्चे को गोद लेने के लिए जोधपुर अनाथालय में आवेदन किया था। सुरेश देवी की शुरू से ही इच्छा थी कि उनके एक बेटी हो औऱ भगवान ने उनकी सुन ली और उन्होंने सहर्ष एक प्यारी सी लड़की को गोद लेना स्वीकार किया तथा आज यह बेटी उनकी बगिया की शोभा बनी हुई है। इस आदर्श दंपत्ति व उनकी बेटी चारुल को मंथन फाउंडेशन द्वारा अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित किया गया। साथ ही समाज से अपील भी की गई कि इस प्रकार आगे आये व किसी अनाथ के जीवन मे खुशियाँ भरने का पुण्यकृत्य करें। इस दौरान डॉ. पीयूष गोस्वामी, वसंती यादव, अमित कुमार यादव, शर्मिला गौड़, दीपक शास्त्री, समाजसेवी गुलशन भारद्वाज, रक्षिता अग्रवाल, प्राची अग्रवाल, ऊषा देवी, गायु आदि उपस्थित थे