बहरोड़ पुलिस ने किया बड़ा खुलासा 4 दिन के अंदर हत्या के आरोपी पुलिस की गिरफ्त में
बहरोड़ (अलवर,राजस्थान/ योगेश शर्मा) क्षेत्र के निम्भोर से ताल्लुक रखता है जहाॅ बकरी चराने गया एक बुजुर्ग 1 फरवरी को बकरियों सहित गायब हो गया था। जिसकी गुमसुदगी की रिपोर्ट निम्भोर चैकी और बहरोड़ थाने में की गई थी। बुजुर्ग को बरामद करने के लिए बहरोड़-नारनौल रोड़ को भी जाम किया था। उसके बाद चार तारीख को पास के जंगल में उसका शव मिल गया और ग्रामीणों ने हत्या के आरोपियों को जल्दी से जल्दी पकड़ने की मांग की थी। इस दौरान ग्रामीणों की शिकायत पर बहरोड़ पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम गठित की गई। भिवाड़ी एसपी राममूर्ति जोशी के निर्देशन में बहरोड़ डीएसपी देशराज गुर्जर के नेतृत्व में व थाना अधिकारी विनोद सांखला सहित अन्य अधिकारियों ने आरोपियों की धरपकड़ के लिए जगह-जगह पर दबिश दी। मामला काफी संगीन था इसलिए पुलिस ने भी मामले को गहराई से लेते हुए हरियाणा के महेंद्रगढ़ से चार शातिर बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पिछले 3 दिन से दिन-रात इस मामले में जुटी हुई थी। जगह जगह पर दबिश देकर मामले की कड़ी से कड़ी जोड़ी गई और मुख्य बदमाशों को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में लिया। वहीं बहरोड़ डीएसपी देशराज गुर्जर ने बताया की पुलिस ने कार्रवाई के दौरान अपनी पूरी ताकत लगाई है जिसका परिणाम सकारात्मक रूप से सामने आया जो कम समय में ही वारदात का खुलासा किया गया। चारों बदमाशों ने पहले गला दबाकर चरवाहे की हत्या की फिर बकरियों को हरियाणा में ले जाकर बेच दिया। जिसमें चार बदमाशों को जो कि हरियाणा के रहने वाले हैं उन्हें गिरफ्तार कर अनुसंधान जारी है। हरियाणा निवासी विजय कुमार, तेजपाल, किल्लो उर्फ किल्लू, धीरज उर्फ धीरू को गिरफ्तार किया गया है। वहीं थाना अधिकारी विनोद सांखला ने बताया कि यह चारों बदमाश चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे करीब 15 दिन पहले भी निंभोर के जंगलों में रेकी की गई। लेकिन गनीमत रही थी उस दिन बुजुर्ग भागीरथ पुत्र हनुमान सिंह के हाथ में कुल्हाड़ी थी। इसीलिए उन्होंने वारदात को अंजाम नहीं दिया। उसके बाद फिर लौटे और बकरियां चोरी कर हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया। आरोपियों पर कई प्रकार की धाराएं पुलिस द्वारा लगाई गई है। साथ ही पुलिस का कहना है पुलिस अपनी ड्यूटी मुस्तैदी से कर रही है और किसी भी प्रकार के साथ एवं बदमाश को बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह बड़ा से बड़ा अपराधी ही क्यों न हो।