बेरोजगारी एवं आर्थिक तंगी के चलते मुंबई से लौटे प्रवासी मजदूर, प्रशासन हुआ अलर्ट
बड़ी संख्या में कामकाज की तलाश में प्रवासी हुए लोगों को वैश्विक कोरोना महामारी संक्रमण को फैलने से रोकने की दिशा में लगाए लॉकडाउन से बेरोजगार एवं आर्थिक परेशानियों के चलते अब प्रवासी अपने घरों को लौटने लगे हैं
बहरोड, अलवर|
मुण्डावर उपखण्ड से बड़ी संख्या में कामकाज की तलाश में प्रवासी हुए लोगों को वैश्विक कोरोना महामारी संक्रमण को फैलने से रोकने की दिशा में लगाए लॉकडाउन से बेरोजगार एवं आर्थिक परेशानियों के चलते अब प्रवासी अपने घरों को लौटने लगे हैं।सूत्रों से खबर मिलने पर जब हमारे संवाददाता योगेश शर्मा ने जब उनकी समस्या को जानने के उन जगहों पर गए व उनसे बातचीत की।बातचीत में काल्पनिक नाम सरोज,ममता ने बताया कि लॉकडाउन के कारण जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।जरूरत की चीजों के अलावा अन्य हर तरह का काम बंद होने से दिहाड़ी मजूदरों और गरीब तबके के लिए लोगों पर बुरा असर पड़ा है। लॉकडाउन का बुरा असर सेल्स वर्करों पर भी पड़ा। आजीविका के साधन खत्म होने के कारण भुखमरी की नौबत आ गईं। लॉकडाउन में ग्राहक ना मिलने के कारण सेल्स वर्करों को खाने-पीने के भी लाले पड़ने लगे थे। जिसके चलते सेल्स वर्कर अपने गृह राज्यों के लिए आ गई हैं।
खाना और दवाइयों जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में कई हफ्तों के संघर्ष के बाद सेल्स वर्करों को शहर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। इनमें कुछ प्रवासी बार में नाचने व गाने का कार्य भी करते हैं लेकिन लॉक डाउन में बार व होटल बंद होने से उन्हें मजबूरन लौटना पड़ा है। मुम्बई से पहुंचे प्रवासियों की सूचना पर प्रशासन ने भी सक्रियता दिखाते हुए इन्हें होम आईशोलेट किया।मेडिकल टीम ने स्क्रीनिंग चैक अप कर आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए उन्हें घरों में ही रहने की सलाह दी।साथ ही चार लोगों की सैंपलिंग मुण्डावर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर करवाई। इस दौरान चिकित्सा अधिकारी डॉ. पिंकेश शर्मा,विजय सिंह,सुधीर कुमार,मनीष सैनी,एएनएम उगन्ता यादव, सुमन यादव आदि मौजूद रहे।
योगेश शर्मा की रिपोर्ट