श्रद्धा पूर्वक मनाया गया निर्जला एकादशी पर्व
24 एकादशीओं के व्रतो के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है अकेले निर्जला एकादशी के व्रत से
डीग भरतपुर
डीग -2 जून :- डीग उपखंड के कस्बे सहित ग्रामीण इलाकों में निर्जला एकादशी का पर्व श्रद्धा पूर्वक विधि विधान से मनाया गया । इस दौरान महिलाओं सहित नव युवतियों व पुरुषों ने निर्जला एकादशी का व्रत रखने के साथ ही घर में सुख शांति की प्रार्थना की । पंडित ब्रजेश शास्त्री ने बताया कि ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में गंगा दशहरा के एक दिन पश्चात निर्जला एकादशी आती है जिसमे बिना जल के उपवास रखा जाता है और देवताओं सहित अपने पितरों की शांति के लिए जल अर्पण किया जाता है । महाभारत काल में भीम ने भी अपने पित्तरों को तृप्त करने के लिए निर्जला एकादशी व्रत किया था इसलिए निर्जला एकादशी को भीम एकादशी भी कहा जाता है । मान्यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत रखने से 24 एकादशियों के व्रतो के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। के अवसर पर दान करने से मन को परम् शांति प्राप्त होती है । इसलिए डीग कस्बे सहित ग्रामीण अँचलों में श्रद्धालुओं ने सोसियल डिस्टनसिंग का पालन करते हुए पूजा अर्चना करने के बाद लोगों को नींबू की शिकंजी , ठंडाई और खरबूजो का वितरण किया किया ।
डीग से पदम जैन की रिपोर्ट