टीबी से डरे नही नियमित इलाज कराए- सुबोध गुप्ता
एक युद्ध टीबी के विरुद्ध कार्यक्रम का आयोजन
भुसावर (भरतपुर, राजस्थान/ रामचन्द सैनी) लुपिन ओर मंजरी फाउंडेशन के द्वारा सरमथुरा में महिलाओं ओर युवाओं के साथ टीबी की बीमारी को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
लुपिन के सुबोध गुप्ता ने टीबी की बीमारी के लक्षणों के बारे में बताते हुए कहा कि 2 सप्ताह से ज्यादा की खांसीए वजन कम होनाए रात को सोते समय बुखार और पसीने आनाए भूख न लगनाए खाँसी के साथ खून या बलगम आना आदि टीबी के लक्षण होते है। अगर यह लक्षण जब भी दिखाई दे हमे तुरंत पास के सरकारी अस्पताल में समपर्क करना चाहिए। उन्होंने टीबी की बीमारी की भयावहता के बारे में बताते हुए कहा कि प्रतिदिन इस इस बीमारी की वजह से लगभग 900 से ज्यादा मौते हमारे देश मे होती है। उन्होंने इन मौतों के कारण के बारे में बताते हुए कहा कि जानकारी का अभावए समय पर इलाज न लेनाए इलाज का पूरा नही लेनाए नीम हकीम के चक्कर मे पड़नाए आदि कारण है। उन्होंने कहा एक टीबी का मरीज एक साल में 15 ओर स्वस्थ लोगो को बीमार कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह बीमारी लाइलाज नही है। संशोधित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत इस बीमारी की जांच और इलाज बिल्कुल निशुल्क है। उन्होंने डॉट्स के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस पद्धति से टीबी का इलाज पूरी तरह से सम्भव है। उन्होंने कहा कि जागरूक होना और समय से पूरी दवाई लेने से यह बीमारी बिल्कुल सही हो जाती है। उन्होंने कहा कि खुले मुँह से खाँसनाओर छींकना न चाहिए। मुह पर साफ कपडा रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमे टीबी मरीजो से दूरी बनाने की जगह पर उनका साथ देना चाहिए और इस बात को सुनिश्चित करना चाहिए कि वो अपना इलाज पूरा करे। बीच मे इलाज छोड़ देने से यह बीमारी और बढ जाती है और जीवन को खतरा पैदा हो जाता है। उन्होंने निश्चय पोषण योजना के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर संस्था की नीतू ने विभागीय योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा जानकारी होना अपने आप मे किसी भी समस्या से बचने का पहला रास्ता होता है। जानकारी के अभाव में हम बहुत सारे लाभों से वंचित हो जाते है और न अन्य लोगो को जानकारी दे पाते है । उन्होंने श्रम मंत्रालय एप्रधानमंत्री आवास योजनाए शौचालय निर्माणए पालनहार आदि योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए सभी को इनका लाभ लेने और अन्य लोगो को दिलवाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि महिलाएं जागरुक होकर न केवल स्वयं को बल्कि अपने परिवार को सशक्तए जागरूक ओर आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर सकती है। परिस्थितियों के लिए सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं बहुत काम आती है।
इस मौके पर उपस्थित मंजरी फाउंडेशन की ममता राजपूत ने महिलाओं से स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की अपील करते हुए कहा कि हम दैनिक जीवन मे छोटी छोटी बातों का ध्यान रखते हुए न केवल अपने आपको स्वस्थ रख सकते है बल्कि अपने साथ काम करने वालो को भी स्वस्थ रख सकते है। संस्था के द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए कोमल मंगल ने कहा कि संस्था नीति आयोग के आकांक्षी कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य एवं पोषणए शिक्षाए कृषिए वित्तीय समावेशन एयुवाओं की कौशल दक्षता को बढ़ाने ओर संस्थागत ढांचे को सुधार करने का प्रयास कर रही है।