श्री लोहागढ़ साहित्य समिति डीग का शपथग्रहण समारोह एवं काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन
साहित्य से ही समाज में पैदा होती है जागरूकता डा० सिंह
डीग (भरतपुर,राजस्थान/ पदम जैन) श्री लोहागढ़ साहित्य समिति ड़ीग का शपथग्रहण समारोह कस्बे के मेला मैदान स्थित एक मैरिज होम में कर्नल हरीसिंह की अध्यक्षता एवं पूर्व प्राचार्य डॉ महेंद्र सिंह के मुख्य आतिथ्य में आयोजित किया गया। जिसमें साहित्य समिति के समस्त सदस्यों को मुख्यअतिथि द्वारा सत्य निष्ठा एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ सिंह ने कहा कि महा कवि सूरदास, तुलसी दास ,केशव दास, बिहारी, घनानंद, निराला अपने साहित्य सृजन के कारण आज भी अमर हैं। साहित्य से ही समाज में जागरूकता पैदा होती है। और समाज को नई दिशा मिलती है। इसके बाद आयोजित काव्य गोष्ठी की शुरुआत भरतपुर से पधारे कवि पूरन शर्मा की सरस्वती वंदना से हुई। कवि मोहन सिंह निर्भीक ने - शक्ति के संग इतिहास रहा , उनकी धरती आकाश रहा सुनाकर खूब दाद पाईं । कवि नेकराम नेक ने-- भाषा अन्य अनेक हैं,पोत डुबावन हार। ये है हिंदुस्तान की हिन्दी ही पतवार।। कवि वेदराम सिंह नादान ने--वे कहते हैं गलियों में आना छोड़ दो। छोड़ दूंगा तुम्हें,तुम हमें छोड़ दो। रचना सुनाई।
कवि राजेंद्र सिंह गुर्जर ने - खून बोलता खून चमकता, खून ही प्यार कराता है। खून ही खुद की रक्षा करता , खून ही जंग कराता है। कविता सुनाकर खूब तालियां बटोरी।
बाबूलाल भारती ने- चैन भी तुम हो क़रार भी तुम हो, मेरी जिंदगी बहार भी तुम हो, पूरन शर्मा ने- संतों की वाणी है हिन्दी , हिन्दी हिन्दुस्तान है सुनाकर वाहवाही लूटी। संस्था के अध्यक्ष कवि चंद्रभान वर्मा चंद्र ने- जबलौं सूरज चांद,रहै थे तबलौं जिन्दी।हिंद जगत में रोज बुलै जब चहुं दिस हिन्दी। रचना सुनाई संचालन करते हुए कवि श्याम सिंह जघीना ने अनेकों राष्ट्र वादी एवं हिन्दी हिन्दुस्तान है रचना सुनाई ।इस अवसर पर बहज के सरपंच सुभाष बाबू, कैप्टन अवधेश गुर्जर, खूब चंद चाहर, कुमारपाल ,श्रीभान गुर्जर, ठाकुर श्याम सिंह पार्षद राम, कुमार विष्णु कुमार, राकेश कुमार अशोक कुमार उमेश पाराशर आदि प्रमुख लोग थे ।