अधिकारियों पर भूमाफियाओं से मिलीभगत का लगाया आरोप, न्याय नहीं मिलने पर आत्मदाह करने की दी चेतावनी
टपूकड़ा कस्बे का मामला, कलेक्टर ने अधिकारियों को पन्द्रह दिन के भीतर वास्तविकता बताने के दिए आदेश
टपूकड़ा (अलवर, राजस्थान/ राजीव श्रीवास्तव) टपूकड़ा कस्बे की पंजाबी कॉलोनी के स्त्री- पुरुष प्रशासन की अनदेखी का दर्द लिए जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया से मिले और रोते हुए ज्ञापन देकर न्याय दिलाने की गुहार की। ज्ञापन में कहा गया कि भूमाफियां अधिकारियों को प्रलोभन देकर और जातीय समीकरण बैठाकर उन्हें बेघर करने की फिराक में है।भूमाफिया आए दिन सरेआम टपूकड़ा कस्बा छोड़कर चले जाने की धमकी देते है।ज्ञापन में कहा, खसरा नम्बर 274, 75, 76 और 77 में वे करीब पचास साल से रह रहे है। नल, बिजली के कनेक्शन के साथ निवास प्रमाण पत्र भी है। एक-दो परिवारों के पास एग्रीमेन्ट भी है। सभी परिवार मजदूर तबके से है। पिछले छह माह से भूमाफियाओं ने उन्हें डरा-धमका कर उनकी रोटी-पानी, नींद छीन ली है। विधायक की जनसुनवाई में मौजूद अधिकारियों को अपनी पीड़ा बताई और लिखित में जानकारी दी उसके बावजूद जमीन को खाली दिखाकर जमीन की रजिस्ट्री कर दी।इसके बाद भूमाफियाओं ने मकान जबरन खाली कराने के लिए धमकियां देना शुरू कर दिया।एक विधवा महिला के साथ मारपीट भी की।साथ ही भूमाफियाओं ने अपने दबदबे से उनके खिलाफ झूठी रिपोर्ट भी दर्ज करा दी।
ज्ञापन में कहा गया कि न्याय नहीं मिलने पर हम बेघर होकर सड़क पर आ जाएंगे ऐसी स्थिति में उनके पास आत्महत्या ही एक विकल्प बचेगा।
जिला कलेक्टर ने पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने का आश्वासन देकर जिम्मेदार अधिकारियों को पन्द्रह दिवस के भीतर भूमि की वास्तविक स्थिति से अवगत कराने के आदेश दिए है।बहरहाल भूमाफियाओं और सरकारी मशीनरी के कथित तालमेल के चलते पंजाबी कॉलोनी के वाशिंदे घर से बेघर होने की संभावना के ख़ौफ़ में जीने को मजबूर है।