लुपिन की मदद से ओमवत्ती ने खोली दुकान, अब आय से बच्चों को दिला रही उच्च शिक्षा
सीताराम गुप्ता का दूसरों की मदद करना जीवन का उददेश्य
भुसावर (भरतपुर, राजस्थान/ रामचन्द सैनी) जीवन भले ही कष्ट से भरा हो,लेकिन इंसान को कभी हिम्मत नही हारनी चाहिए,चाहे कितना भी बडा कष्ट आए,ऐसा दृष्ट गांव माईदपुर में देखने को मिला,जिसने शादी के बाद हमेशा जीवन भरा कष्ट देखा और सुहाग छिन जाने के बाद भी हिम्मत नही हारी,ऐसी महिला है ओमवत्ती,जिसकी मददगार बने लुपिन फाउन्डेशन के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता,जिन्हाने दूसरों की मदद कराना ही जीवन का उददेश्य बना रखा है। उक्त महिला ओमवत्ती को साल 2020 में लुपिन द्वारा बच्चों की शिक्षा एवं टीन सेड निर्माण को आर्थिक मदद दी,जिसने मदद में मिली राशि से पक्की दुकान का निर्माण करा परचून की दुकान खोली और दुकान की आय से परिवार का खर्चा चलाया एवं पुत्र-पुत्री को उच्च शिक्षा प्रदान करा रही है। दुकान से 200 रू से 300 रू प्रतिदिन की आय हो जाती है।
-::::साल 2013 में छिन गया सुहाग::::-
ओमवत्ती ने दर्दभरी जीवन की कहानी बताते हुए बताया कि साल 1999 मेरा जीवनसाथी बना गांव माईदपुर निवासी सुन्दपाल,परिवार की हालत कमजोर थी,सुन्दपाल पहाड पर मेहनत-मजदूरी कर परिवार का लालन - पालन करता,साल 2008 में फैफडे की एक गम्भीर बीमारी की चपेट में आ गया,जिसका सरकारी ईलाज कराया,लेकिन सुन्दपाल की साल 2013 में गम्भीर बीमारी से मौत हो गई,किसी ने साथ नही दिया,परिवार में मेरे अलावा एक पुत्री एवं दो पुत्र है,जिनका लालन-पालन करने में अनेक दिक्कत आई,उसके बाद भी हिम्मत नही हारी। सुहाग के छिन जाने के बाद मेहनत मजदूरी की,समय पर मजदूरी नही मिलती,भेड-बकरी एवं गाय-भैंस पालन किया,उससे परिवार का लालन-पालन चलने लगा,साल 2019 में आधा दर्जन बकरी एवं दो भेंस मर गई,जिससे हिम्मत टुटी,लेकिन पहाड पर काम नही करने गई,जहां काम करने से मेरा सुहाग छिन गया। उन्होने बताया कि गांव के चन्दशेखर आर्य ने हिम्मत बन्धाई और लुपिन के कर्मचारी विष्णु मित्तल से सम्पर्क कराया,जिन्होने मेरी दर्दभरी कहानी सुनी और लुपिन की टीम के साथ सर्वे किया। राज्यमंत्री भजनलाल जाटव ने भी लुपिन के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता से आर्थिक मदद की अभिशंषा की।
-::::टीन सेडनुमा घर को मिली राशि::::-
ओमवत्ती ने बताया कि एक जनवरी 2020 की सायं गांव के चन्दशेखर आर्य ने बताया कि 2 जनवरी 2020 को कस्वा वैर के गांव नयावास चलना है,गांव के दस परिवारों को लुपिन द्वारा आर्थिक मदद मिल रही है। आपको भी घर बनाने की मदद मिलेगी,गांव गरीब एवं बेरोजगार दस परिवार के मुखिया 2 जनवरी 2020 को गांव नयावास पहुंचे,जहां वैर-भुसावर उपखण्ड के दो दर्जन से अधिक गरीब व जरूरतमन्द परिवार तथा बागवानी किसान मिले,कार्यक्रम के समय 22 परिवारों सहित मुझे स्वयं सीताराम गुप्ता ने घर निर्माण के लिए आर्थिक मदद में चेक दिया,उक्त राशि से एक दुकान का निर्माण करा,परचून की दुकान खोली,दुकान की आय से परिवार का खर्चा चलाया जा रहा है और पुत्र-पुत्री को उच्च शिक्षा प्रदान कराई जा रही है।
-:::::पिता का सपना था बच्चे बने अधिकारी::::-
ओमवत्ती ने बताया कि स्व.सुन्दपाल का सपना था कि पुत्र-पुत्री सरकारी नौकर होकर बडा अधिकारी बने,जिससे वे ईमानदारी से देश,समाज एवं गरीब परिवार की सेवा कर सके। उन्होने बताया कि लुपिन के द्वारा मिली मदद से दुकान खोली,दुकान की आय से पुत्र-पुत्री को पढाया जा रहा है। पुत्री रोशनी कक्षा 11वीं में,बडा पुत्र धीरजसिंह बीएससी द्वितीय वर्ष में तथा पुत्र मुनीम बीए प्रथम वर्ष में पढ रहे है। तीनों भाई-बहिन पढने में अव्वल है। ये पढ जाए वही मेरी जीवन की सबसे बडी पूंजी है। इनके पिता का सपना साकार करना मेरा लक्ष्य है। जिन्हे उच्च अधिकारी बनाने की तमन्ना है,चाहे मुझे कितना भी मेहनत करनी पडे,लुपिन की मदद से मेरे परिवार की हालत सुधर गए,जिसे हम कभी नही भूल सकते।
-::::दुकान ही मेरी पहचान::::-
ओमवत्ती ने बताया कि दुकान ही मेरी अब पहचान है,गांव के बच्चे एवं महिलाएं मुझे अम्मा की दुकान से पुकारते है,चाहे बच्चा आए सा बडा व्यक्ति सभी को एक दाम पर सामान बेचा जाता है। दाम,तौल,गुणवक्ता आदि के साथ किसी प्रकार का समझौता नही,ये बनाए रखना ही मेरी दुकान की साख है। दुकान से 200 रू से 300 रू प्रतिदिन की आय हो जाती है। अब कोरोना वायरस का प्रकोप चल रहा है,साल 2020 में भी लाॅकडाउन लगा,जिससे दुकान की ब्रिकी पर असर पडा और इस साल भी यही हाल बन रहे है।