धरने के 49 वे दिनआंदोलनकारियों ने वृन्दावन में वरिष्ठ साधुओं से किया संपर्क
औलन्दा से बांसोली मार्ग को अवरुद्ध करने की योजना की तैयार
ड़ीग (भरतपुर,राजस्थान/ पदम जैन) ब्रज के पर्वत आदिबद्री व कंकाचल को पूर्णत खनन मुक्त करने की मांग को लेकर गांव पसोपा में जारी धरने के 49 वे दिन शनिवार को संरक्षण समिति के संरक्षक राधाकांत शास्त्री की अगुवाई में आंदोलनकारियों की टोली ने वृन्दावन जाकर कई साधू संतों से भेट कर उन्हें आन्दोलन की वर्तमान स्थिति से अवगत कराते हुए शुक्रवार को सम्पन्न हुए प्रदर्शन के बारे जानकारी दी और आन्दोलन की आगे की रुपरेखा को लेकर गहन चर्चा करी की । इस मुद्दे को लेकर उन्होंने वरिष्ठ महंतों, महामंडलेश्वरों व नागा साधुओं से संपर्क कर उनसे बातत की।
चतु: सम्प्रदाय के अध्यक्ष महामंडलेश्वर 1008 फूलडोल महाराज ने आन्दोलन की सम्पूर्ण जानकारी लेने के पश्चात कहा कि वृन्दावन ही नहीं अपितु देशभर का संत समाज इस आन्दोलन का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर बड़ी संख्या में देशभर से साधू संत इस आन्दोलन में सम्मिलित हो कर आदिबद्री व कंकाचल पर हो रहे खनन को लेकर विरोध प्रदर्शन करेगें । साथ ही 13 अप्रेल को होने वाले शाही स्नान पर जब असंख्य साधू एकत्रित होंगें तब इस विषय को लेकर आदोंलन की निर्णायक दिशा तय कि जायेगी । गोरतलब है कि अगर राज्य सरकार द्वारा आदिबद्री एवं कंकाचल की रक्षा के लिए उपयुक्त कदम नहीं उठाती है तो साधू समाज 10 अप्रेल से सामूहिक अनशन की घोषणा कर चुका है । राधा कान्त शास्त्री ने बताया कि शुक्रवार के प्रदर्शन व जिला कलेक्टर के नकारात्मक रवैये के बारे में राज्य सरकार के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। जिस पर उन्होंने शीघ्र ही इस विषय में मुख्यमंत्री से चर्चा कर कोई निर्णायक स्थिति पर पहुँचने की बात कही है ।
इधर धरना स्थल पर खनन किए हुए पत्थरों का परिवहन करने के मार्ग को अवरुद्ध करने को लेकर सुलतान सिंह व सरपंच जलाल खान के नेतृत्व में अहम बैठक हुई जिसमे बचे हुए रास्तों को बन्द करने की योजना पर चर्चा हुई । जलाल खान ने बताया कि वैसे तो ग्रामीणों ने खनन कर पत्थरों को ले जाने वाले सारे मार्ग लगभग रोक दिए गए हैं, लेकिन सबसे अधिक गैरकानूनी तरीके से प्रयोग में आरहे ओलंदा व बांसोली के मध्य के मार्ग को बंद करना बाकी है, इस विषय में उपखंड अधिकारी कामां को पत्र दिया जा चुका है, लेकिन प्रशासन इस रास्ते को अगर बंद नहीं करता है तो दिनांक 12 मार्च को ग्रामीण लोग एकत्रित हो कर इस रास्ते को बंद कर देगें। जिसकी सारी रुपरेखा तैयार करली गयी है एवं किसी भी प्रकार में उपद्रव के लिए स्थानीय प्रशासन उत्तरदायी होगा । इस अवसर पर ग्रामीणों के आलावा प्रमुख रूप से जड्खोर के महंत भूरा बाबा, महंत शिवराम दास, कुलदीप बैंसला, सरपंच विजय सिंह, कृष्णदस बाबा, गोविन्द बाबा, उदल, हाजी कुंदन आदि ने अपने विचार रखे।