शिक्षा सुविधाओं के नाम पर मात्र सरकारी प्राथमिक विद्यालय, आने जाने के लिए कोई रास्ता तक नही
ड़ीग (भरतपुर, राजस्थान/ पदम जैन) ड़ीग उपखंड के गांव खेरियापुरोहित के वाशिंदे सरकार और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के चलते आजादी के बाद सात दशक से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी शिक्षा, चिकित्सा, बिजली और रास्ते की समस्या से जूझ रहे हैं।
- पांचवी तक विद्यालय उसके लिए भी नहीं है रास्ता--
ग्राम पंचायत सोनगांव के गांव खेरिया पुरोहित में शिक्षा सुविधाओं के नाम पर मात्र पांचवी तक सरकारी विद्यालय है। लेकिन विद्यालय तक पहुंचने के लिए गांव से कोई भी रास्ता मौजूद नहीं है। जिसके चलते विद्यालय जाने वाले बच्चों को खेतों पर बनी मेंडो के किनारे पर होकर निकलकर विद्यालय जाना पड़ता है। बरसात के मौसम में तो यह रास्ता भी पूरी तरह बंद हो जाता है। जिसके चलते विद्यालय में पढ़ने बाले नन्हे छात्र छात्राएं बरसात के मौसम में विद्यालय तक पहुच ही नहीं पाते। इसके अलावा यह प्राथमिक विद्यालय मात्र एक शिक्षक के भरोसे चल रहा है। इसी कारण गांव के लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने के स्थान पर निजी विद्यालयों में पढ़ाने को मजबूर हैं। जबकि पांचवी कक्षा पास करने के बाद छात्र छात्राओं को पढ़ने के लिए रोजाना डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर सोनगांव जाना पड़ता है। गांव वासियों की मांग है कि गांव के विद्यालय को मिडिल स्कूल में क्रमोन्नत किया जावे।
- चिकित्सा सुविधाओं की स्थिति शून्य -
खेरिया पुरोहित में सरकारी चिकित्सा सुविधाओं की स्थिति पूरी तरह शून्य है। ग्रामीणों ने बताया है कि यदा-कदा नर्स आती है जिसके चलते वह चिकित्सा सुविधाओं के लिए पूरी तरह गांव के झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर है। गंभीर रोगियों और प्रसव के लिए महिलाओं को निजी साधनों से 8 किलोमीटर दूर रेफरल चिकित्सालय डीग ले जाना पड़ता है।
- बिजली की मनमानी कटौती-
-ग्रामीणों का कहना विद्युत वितरण निगम के अधिकारियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में की जा रही मनमानी कटौती से एक तरफ जहां लोगों को नीम अंधेरे में जीवन यापन करना पड़ रहा है। वहीं छात्रों की पढ़ाई तो पूरी तरह चौपट हो कर रह गई है । क्योकि रोजाना बिजली रात्रि 10 बजे गुल होने के बाद सुबह 5 बजे आती है।
कुमारी आशा लोधी (सरपंच ग्राम पंचायत सोनगांव) का कहना है कि- गांव खेरिया पुरोहित के राजकीय प्राथमिक विद्यालय तक जाने का फिलहाल कोई रास्ता नहीं है। गांव के लोगों के साथ समझाइश कर उनकी खातेदारी की जमीन में होकर रास्ता वनाने का प्रयास जारी है। समूचे ग्रामीण क्षेत्र में रोजाना रात्रि 10 बजे से सुबह 5 बजे तक मनमाने ढंग से विद्युत कटौती की जा रही है जिससे हर ग्रामवासी परेशान है