दिव्यांग बच्चों के लिए ऑर्थोटिक कैम्प का किया गया आयोजन
बहरोड़ (अलवर, राजस्थान) मंथन फाउंडेशन द्वारा संचालित मंथन दिव्यांग रिहैबिलिटेशन सेंटर में रविवार को दिव्यांग बच्चों के लिए ऑर्थोटिक कैम्प का आयोजन किया गया जिसमें जयपुर के प्रसिद्ध ऑर्थोटिक एवं प्रोस्थेटिक विशेषज्ञ डॉ. शशांक ने अपनी सेवाएं दी।
कैम्प की जानकारी देते हुए मंथन संस्थापक डॉ. पीयूष गोस्वामी ने बताया ऑर्थॉटिक सहायक उपकरणों की मदद से न केवल दिव्यांग बच्चों की गतिशीलता में सुधार होता है बल्कि बच्चों के चलने, पकड़ने और कमर एवं गर्दन संभालने की प्रक्रिया में भी मदद मिलती है। गांवों एवं छोटे शहरों में ऐसे विशेषज्ञों की अनुपलब्धता के चलते अधिकतर दिव्यांग बच्चे इस सुविधा से वंचित रह जाते हैं। साथ ही इनके रखरखाव एवं उपयोग के सही तरीके का भी ज्ञान होना आवश्यक होता है। इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए फाउंडेशन द्वारा इस कैम्प का आयोजन किया गया। जिसमें आरोग्य हॉस्पिटल के डॉ. शशांक शेखर शर्मा द्वारा 10 बच्चों की जांच कर उचित ऑर्थोटिक्स के नाप लिए गए। साथ ही उन्होंने बच्चों के अभिभावकों को ऑर्थोटिक्स के सही उपयोग की जानकारी भी दी। मंथन फाउंडेशन की सचिव डॉ. सविता गोस्वामी ने डॉ. शशांक को धन्यवाद दिया और कहा कि सही सहायक उपकरणों की मदद से बच्चों के रिहैबिलिटेशन को गति मिलेगी। जैसा कि विदित है मंथन फाउंडेशन द्वारा संचालित दिव्यांग रिहैबिलिटेशन सेंटर पिछले पांच वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहा है जिसमें सेरेब्रल पाल्सी, मस्कुलर डिस्ट्रोफी, श्रवण बाधित, भाषा दोष आदि द्वारा प्रभावित बच्चों को निशुल्क फिजियोथेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, स्पीच थेरेपी, काउंसलिंग द्वारा रिहैबिलिटेशन किया जा रहा है। जिसमें अभी तक करीब 100 से अधिक बच्चे लाभ प्राप्त कर चुके हैं। मंथन द्वारा आयोजित कैम्प में डॉ0 सविता गोस्वामी, ललिता प्रजापत, जगमाल, दीपक शास्त्री, आदि ने अपना सहयोग दिया।