राष्ट्रीय बालिका दिवस के सुअवसर पर स्वरचित काव्य रचना- डॉ. सविता गोस्वामी
मान, सम्मान और अभिमान है बेटी।
जिंदगी के चमन की बुलबुल हमारी बेटियाँ,
बाग की नन्ही कली, बाबुल की प्यारी बेटियाँ।।
अभिभावक का मान है बेटियाँ,
भारतवर्ष का सम्मान है बेटियाँ।
कभी कल्पना चावला के रूप में,
भरती आकाश में उड़ान है।
कभी साक्षी, पी वी सिंधु या साइना के रुप में देश का बढ़ाती मान है।।
एक नही दो दो कुलों को तार देती बेटियाँ।
मंदबुद्धियो के लिए बोझ है लेकिन,
मेरे लिए तो मेरा अभिमान है मेरी बेटियाँ।।
डॉ. सविता गोस्वामी (सोशल एक्टिविस्ट, मंथन फॉउन्डेशन चैरिटेबल ट्रस्ट, बहरोड़)