लॉकडाउन गरीबों की दाल पर भारी, रूखी रोटी खाने को मजबूर हुए गरीब
समस्या कोतवाली क्षेत्र के लाइसेंस आवेदकों में भी लॉक डाउन को लेकर भारी रोष
अलवर,राजस्थान
अलवर - दरअसल शहर कोतवाली इलाके में अचानक लगे लॉक डाउन ने गरीब परिवारों को सरकारी राशन दुकानों पर मिलने वाली चने की दाल के स्वाद से वंचित कर दिया।दाल खाने के लिए लालायित उपभोक्ताओं को राशन डीलर एक अगस्त से राशन की दाल वितरित करने का भरोसा दे रहे थे लेकिन औचक शहर कोतवाली क्षेत्र में लॉक डाउन लगने से राशन के चने की दाल कहा अटक गई यह जानकारी जब राशन डीलरों को नहीं है ऐसे में गरीब परिवारों को कैसे वितरण की तारीख की उम्मीद करना नामुमकिन है। दाल वितरण में लेटलतीफी के चलते संभव है कि कतिपय राशन डीलर गड़बड़झाला भी कर गरीबों की चने की दाल से गरीब परिवारों को वंचित भी कर सकते है।गनीमत यह रही कि राशन का गेंहू लॉक डाउन से पूर्व ही वितरित कर दिया गया था जिससे पात्र गरीब लोगों को अवश्य रूखी रोटी खाने को मिल रही है।माना कोरोना के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए लॉक डाउन जनहित में है लेकिन प्रशासन को गरीब तबके को राहत देते हुए समय पर राशन की दाल उपलब्ध कराने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी अवश्य करनी ही चाहिए।लगता है ऐसी में बैठने वाले कतिपयअधिकारियों को शायद जरा भी यह ख्याल नहीं है कि कोरोना महामारी के चलते बेरोजगार हो चुके गरीब परिवार किस प्रकार हर माह राशन सामग्री का बेसब्री से इंतजार करते है।दूसरी तरफ लॉक डाउन से प्रभावित शहर कोतवाली क्षेत्र के लोगों को भी लॉक डाउन कतई रास नहीं आ रहा है।असल में शहर कोतवाली क्षेत्र में रहने वाले वाशिंदों ने लॉक डाउन से पूर्व ही ईमित्र के जरिए लर्निंग लाइसेंस,लाइसेंस नवीनीकरण, स्थाई लाइसेंस सहित अन्य आरटीओ दफ्तर से सम्बंधित कार्य के लिए आवेदन कर दिए थे।इन आवेदकों के पहुंचने की तिथि लॉक डाउन में ही निश्चित हो गई थी।नाकों पर बेरियर लगाकर पुलिस के जवानों की तैनाती और अमूमन जवानों के राहगीरों की वास्तविक तकलीफ नहीं समझ कर लोगों के साथ असंतोषजनक व्यवहार ने आवेदकों को बहरोड़ रोड पर स्थित आरटीओ ऑफिस पहुंचना ही मुश्किल कर दिया है।इन आवेदकों की जहा फीस बर्बाद हो रही है वही उन्हें चिंता सता रही हैं कि अगली लाइसेंस बनाने की तारीख कब मिलेगी
बहरहाल गरीब तबके के परिवार और लाइसेंस बनवाने के इच्छुक आवेदकों के सामने लॉक डाउन ने एक समस्या पैदा कर दी है वहीं आरटीओ ऑफिस की ओर से लॉक डाउन के दौरान अपने घरों में फंसे आवेदकों के लिए आरटीओ दफ्तर पहुंचने की आगामी तिथि की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है।प्रशासन को समय रहते लाइसेंस आवेदकों और गरीब परिवारों को तनिक राहत देते हुए राशन की दाल उपलब्ध कराने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था अवश्य करनी चाहिए।
- राजीव श्रीवास्तव की रिपोर्ट