रैणी तहसील के पीपलहेड़ा गांव के होनहार युवक ने बनाया एयर सूज सिस्टम उपकरण
सुरक्षा कवच के रूप में करेगा कोरोना योद्धाओं का बचाव, 3 महिने के अथक प्रयास से युवक की मेहनत लाई रंग
रैणी ,अलवर
अलवर जिलें में रैणी तहसील क्षैत्र के पीपलहेड़ा गांव निवासी एक युवक पूरण कान्त बैरवा पुत्र बालूराम बैरबा उम्र 30 वर्ष योग्यता आई टी आई मेकेनिक डीजल ने अपने घर बैठकर कोरोना काल में 3 महिने के अथक प्रयास और मेहनत करने के बाद कोरोना संक्रमण बीमारी से दिन रात लड़ रहे कोरोना योद्धाओं के लिए एक उपकरण तैयार किया गया है जिसका अनेक चिकित्सकों व क्षैत्रिय अधिकारियों के समक्ष उपकरण का साक्ष्य प्रमाणित कर सफल परिक्षण भी कर लिया गया हैं
उस उपकरण का नाम युवक पूरणकांत ने एयर सूज सिस्टम दिया हैं वर्तमान में पूरणकांत व उसका परिवार नंदगांव गुढ़ा रोड बांदीकुई जिला दौसा राजस्थान में रहते हैं उसके पिता अध्यापक हैं नवीनी तकनीक उपकरण का सफल प्रयोग करने के बाद पूरणकांत का कहना है की आज हमारा देश ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व कोरोना नामक वैश्विक महामारी से जूझ रहा है हमारे चिकित्सा विभाग के कर्मचारी और अधिकारी तथा पुलिस विभाग के कर्मचारी व शिक्षा विभाग के योद्धा कोरोना से दो-दो हाथ कर रहे हैैं। डॉक्टर के लिए पीपीई किट पहनना परेशानी का सबब बना हुआ है क्यों कि इसको पहनने के बाद न तो पानी पिया जा सकता ना ही टॉयलेट किया जा सकता तथा ना ही इसमें शरीर को किसी प्रकार की हवा लगती है। इन गर्मियों के दिनों में प्लास्टिक के किट को पहनने से शरीर में पसीना आता है जिससेअनेक प्रकार के बैक्टीरियल संक्रमण होने के चांस बनकर अनेक प्रकार के चर्म रोग उत्पन्न होने का खतरा रह सकता हैं जैसे कि शरीर पर घमोरीयां चेहरे पर फुंसियां हो जाती है इसको पहनने के बाद व्यक्ति को बेचैनी होने लगती है।एक दिन हम सभी लोग घर पर बैठे हुए थे तब टीवी में एक डॉक्टर पी पी ई किट को लेकर अपना दर्द बयां कर रही थी उसका चेहरा एकदम लाल हो रहा था तथा शरीर पर भी फुन्सियां हो रही थी। इन सब की परेशानी देखकर मेरा मन व्यथित हो गया था।तब मेने प्रधानमंत्री के स्वावलंबी व आत्मनिर्भर प्रोग्राम से प्रेरित होकर डॉक्टर्स के लिए नवीन उपकरण का प्रयोग करने की सोची, उसी दिन से मैं कुछ जुगाड़ करने में जुट गया, तथा लगभग 3 महीने के अथक प्रयास से ही मेरी मेहनत रंग लाई ,और उसमें मैं सफल हुआ मैंने 9 लेयर फिल्टर(जिसे बढ़ाया भी जा सकता है) का कोविड 19 के फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए एक विशेष उपकरण बनाया है जो पीपी ई किट के पहनने के बाद लगने वाली गर्मी और बेचैनी से निजात मिलेगी यह उपकरणअंदर पूरे शरीर को हवा देता है इसमें किसी प्रकार का वायरस अंदर नहीं कर सकता क्योंकि इसमें 9 लेयर फिल्टर लगाए हुए है। यह किट चहल कदमों के साथ ही काम करना शुरू कर देता है पूर्णता शुद्ध हवा शरीर को प्रदान करता हैं यह उपकरण पूर्णतः ईको फ्रेंडली है इसका हमने अनेक चिकित्सकों से सफल परीक्षण भी करवा लिया है सभी ने इसे कोरोना योद्धाओं के लिए वरदान बताया है, इसमें देशी सामान का उपयोग किया गया है जिसकी अनुमानित लागत लगभग 500 रूपये है अगर इसमें अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाए तो इसे और भी बेहतर बनाया जा सकता है तथा भारत में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया जा सकता है अगर मुझे उचित प्लेटफार्म सरकार द्वारा मिल जाता है तो मैं कुछ और भी क्षेत्र में गुणात्मक सुधार कर सकता हूँ
कनाडा की एक निजी कंपनी का मेरे लिए एक ऑफर आया है जिसके द्वारा मुझे अच्छे खासे पैकेज की पेशकश की गई है, परंतु मैरे लिए भारत से बढ़कर कुछ भी नहीं है। मैं मेरी तकनीक व दिमाग को विदेशियों के हाथों नहीं बेचना चाहता मैं मेरी तकनीक का प्रयोग भारत के लिए ही करना चाहता हूँ मैं भारत के लिए ही मरता हूं व भारत के लिए ही जीता हूं। मेरी अभिलाषा है की इस तकनीक का हमारे देश के डॉक्टर फायदा उठा सकें।
रैणी से योगेश गोयल की विशेष रिपोर्ट