सार्वजनिक निर्माण विभाग ने लक्ष्मणगढ़ में अपनी भूमी कहीं सार्वजनिक तो नहीं कर दी, जगह जगह हो रहे अतिक्रमण
लक्ष्मणगढ़ (अलवर,राजस्थान/ गिर्राज प्रसाद सोलंकी) लक्ष्मणगढ़ उपखंड मुख्यालय स्थित सार्वजनिक निर्माण विभाग की भूमि को लेकर अब ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं यह भूमी को विभाग ने सार्वजनिक तो नहीं कर दिया कहीं ऐसी छूट दे दी हो, कि कोई भी व्यक्ति आवश्यकता अनुसार अपने पक्के व्यवसायिक दुकान मकान रोड़ किनारे बनाकर अपना हक जता सके । क्योंकि कस्बे के अंदर इस तरह का होना प्रतीत हो रहा है। यहां पर रोड किनारे चल रही है बंदरबांट अधिकारी ले रहे हैं कुंभकर्णी नींद या यू कहे जाए इन अतिक्रमणकारियों से अधिकारियों की कुछ सांठगांठ तो नहीं बैठ गई। लक्ष्मणगढ़ कस्बे में पिछले एक माह से लगातार अधिकारियों के पास शिकायत पर शिकायत जारी है लेकर पटवारी से और जिला कलेक्टर तक कस्बे वासियों ने या यूं कहें शिकायतकर्ता ने अनेकों शिकायत पत्र इन अधिकारियों को समय-समय पर दिए गए जब यह अतिक्रमण कारी भू माफिया भूमि पर जब अपना कब्जा जताने आए तब निर्माण से पूर्व नीव की खुदाई जब चल रही थी तभी से किसान बराबर इन अतिक्रमणकारियों भू माफियाओं के खिलाफ शिकायत पत्र समय-समय पर उपखंड अधिकारी व तहसीलदार सार्वजनिक निर्माण विभाग लक्ष्मणगढ़ राजगढ़ देता रहा है पर एक माह इन अधिकारियों ने स्थानीय किसान चतर खान की शिकायतों पर कोई गौर नहीं फरमाया और गौर ना फरमाने के कारण इन अतिक्रमण कारी भू माफियाओं ने लक्ष्मणगढ़ मालाखेड़ा रोड़ स्टेट हाईवे नंबर 44 राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एनसीआर खंड राजगढ़ के अधीन आती है। और स्टेट हाईवे 44 की भूमि पर अपना अतिक्रमण जताते हुए पक्की व्यवसायिक दुकाने बनाकर तैयार कर ली जिस पर आज दुकानों के ऊपर लेंटर डालने की तैयारी थी इसी बात को लेकर किसान चतर खांन व अतिक्रमण कारी भू माफियाओं के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई जिस पर किसान ने उच्च अधिकारियों को मामला की गंभीरता को लेते हुए अवगत कराया अधिकारियों ने अतिक्रमणकारियों भू माफियाओं से वार्तालाप करते हुए निर्माणकार्य को रुकवाया।
चतर खांन (किसान स्थानीय निवासी) का कहना है कि:- गांव के ही कुछ अतिक्रमण कारी यहां पर अशांति फैलाना चाहते हैं जिसमें पढ़े लिखे कर्मचारी गण भी अतिक्रमण कर रहे हैं। और मुझ किसान को पीड़ा पहुंचा रहे हैं अतिक्रमणकारियों के बारे में मैंने सार्वजनिक निर्माण विभाग को नीव खुदाई के समय पर ही शिकायत कर दी गई थी, जिस पर सहायक अभियंता असलम खान पीडब्ल्यूडी मौके पर पहुंचे जिसमें मुझे यह कह कर संतुष्ट किया गया कि यह अपनी जगह में सही है और मात्र दीवार ही तो कर रहे हैं मैंने इन्हें दुकान बनाने का भरोसा दिलाया था आज दुकान बनकर तैयार खड़ी है। जिसकी सूचना मैंने जिला कलेक्टर को उपखंड अधिकारी को तहसीलदार को और एनसीआर के अधिकारियों तक राजगढ़ में पहुंचाया और उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की मुझे तो ऐसा लगता है सार्वजनिक निर्माण की भूमी ही सार्वजनिक कर दी गई है। जबकि इन भू माफियाओं के पास ना जमीन संबंधी कागजात है, ना नगरपालिका की स्वीकृति ,ना सिंचाई विभाग की स्वीकृति, ना ही सार्वजनिक निर्माण विभाग की स्वीकृति यह डंडे के बल पर अपना निर्माण कार्य करना चाहते हैं और जब अधिकारी हमारी बातो को तवज्जो नहीं दी जा रही और आज यह दुकान बनकर तैयार हैं तो इनसे ऐसा ही प्रतीत होता है कि सब मिलीभगत का खेल इसीलिए लक्ष्मणगढ़ का प्रशासन फेल पर मेरा भी यह कहना है कि यह भूमाफिया छुट्टी के दिनों में अपना निर्माण कार्य करेंगे जिस पर प्रशासन गौर फरमाए। अन्यथा मैं मामले को लेकर के हाईकोर्ट में याचिका दायर करुंगा जिसमें प्रशासन खुद दोषी होगा।
असलम खांन (सहायक अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग लक्ष्मणगढ़,अलवर) का कहना है कि:- मैं मौके पर पहुंचा जब नीव खुदाई चल रही थी मैंने निर्माण कर्ताओं से वार्तालाप की तो उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि हम सार्वजनिक निर्माण विभाग की भूमि पर कोई निर्माण नहीं करेंगे और 100 फुट छोड़ कर के ही अपना मात्र दीवार कर रहे हैं इस आश्वासन पर मैंने मौका देख कर के वापस चला आया जिसकी मैंने सूचना मेरे उच्च अधिकारियों को एनसीआर खंड राजगढ़ में को दे दी है वही तहसीलदार लक्ष्मणगढ़ को भी अवगत करा दिया कि हमारी भूमि स्टेट हाईवे 44 पर कुछ अतिक्रमण कारी अतिक्रमण करने में जुटे हैं अब अतिक्रमण हटवाने के लिए मेरे उच्च अधिकारी और तहसीलदार ही सक्षम है।
अनिल शर्मा (कार्यवाहक तहसीलदार लक्ष्मणगढ़) का कहना है कि:- किसान चतर खांन की शिकायत पर मैंने कई बार निर्माण कार्य को रुकवाया है पर पता नहीं निर्माण कार्य को पुनः बार-बार यह गति दे देते हैं। अब निर्माण कार्य फिलहाल बंद है और कोई लेंटर नहीं डलेगा अगर अवैध है पैमाइश कर हटवा दिया जाएगा।
कस्बे वासी आमजन की राय:- इन दिनों लक्ष्मणगढ़ कस्बा अतिक्रमणकारियों का गढ़ बना हुआ है चाय जल भराव क्षेत्र हो चाहे जल निकासी मार्गो चाहे गोचर भूमि हो या फिर कहीं मंदिर माफी भूमि सभी पर अतिक्रमणकारियों का दबंगों का बोलबाला है और स्थानीय प्रशासन या तो इनके आगे बोना हैं या इनकी अधिकारियों से सांठगांठ है इसी कारण यहां पर भू माफियाओं का बोलबाला है